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    प्रधानमंत्री मोदी गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती पर लाल किले से करेंगे राष्ट्र को संबोधन।

    प्रधानमंत्री मोदी गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती को मनाने के लिए गुरुवार रात, 21 अप्रैल को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सूरज के ढलने के बाद लाल किला के स्मारक पर भाषण देंगे। मोदी ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। 

    प्रधानमंत्री सूर्यास्त के बाद लाल किला के लॉन से राष्ट्र को संबोधित करेंगे न कि उसकी प्राचीर से। लाल किले की प्राचीर वहीं है जहां से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

    संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार किले को आयोजन स्थल के रूप में चुना गया था क्योंकि यहीं से मुगल शासक औरंगजेब ने 1675 में सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर को फांसी देने का आदेश दिया था। 

    प्रधान मंत्री मोदी गुरुवार को रात 9.30 बजे सम्बोधन देंगे। उनका भाषण समुदायों के बीच शांति और सद्भाव के बारे में होगा। 

    स्वतंत्रता दिवस के अलावा यह दूसरी बार है जब मोदी स्मारक से भाषण देंगे। 2018 में उन्होंने स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद सरकार के गठन की 75 वीं वर्षगांठ मनाई। इस मौके पर उनका संबोधन सुबह 9 बजे था।

    प्रधानमंत्री इस अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी रिलीज करेंगे। गुरुवार के कार्यक्रम में 400 सिख संगीतकारों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा और लंगर भी होगा।

    लाल किले के पास चांदनी चौक में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब है। यह उस स्थान पर बनाया गया था जहां मुगलों द्वारा गुरु तेग बहादुर का सिर काट दिया गया था। गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब जो संसद के पास है उनके श्मशान स्थल पर बनाया गया था।

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को इस कार्यक्रम की शुरुआत किये हैं। जिसमें देश भर के 11 मुख्यमंत्री और प्रमुख सिख नेता शामिल होंगे। 400 सिख ‘जत्थेदारों’ के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है जिनमें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लोग भी शामिल हैं।

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