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    ईरान

    ईरान के ख़ुफ़िया विभाग के मंत्री ने कहा कि “तेहरान और वांशिगटन के बीच बातचीत तभी संभव है जब अमेरिका प्रतिबंधों का अंत कर दे और ईरान के आला विभाग दो दुश्मनों के बीच बातचीत के लिए अनुमति प्रदान का दे।” अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है।

    प्रतिबन्ध हटाने पर ही बातचीत संभव

    मह्मौद अल्वी ने बुधवार रात को कहा कि “अमेरिका के साथ बातचीत होने की समीक्षा तभी हो सकती है, अगर अमेरिका के राष्ट्रपति सभी प्रतिबंधों को हटा दे और हमारे सुप्रीम नेता ऐसी बातचीत के आयोजन के लिए अनुमति देंगे। ईरान की सैन्य ताकत से अमेरिकी घबरा गए हैं।”

    उन्होंने कहा कि “ईरान पर हमले के निर्णय को वापस लेने का कारण ईरानी सैन्य ताकत की मजबूती है।” ट्रम्प ने बीते महीने कहा था कि “उन्होंने ईरान पर प्रतिकारी हमले से 10 मिनट पहले ही इसे रोकने के आदेश जारी किये थे क्योंकि ईरान की सेना ने 20 जून को अमेरिका के निगरानी ड्रोन को मार गिराया था।

    इस प्रतिकारी हमले में 150 लोगो की मौत हो सकती है और इंगित करता है कि अमेरिका तेहरान के साथ बातचीत के लिए खुला है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि “ईरान 7 जुलाई के बाद जरुरत के मुताबिक यूरेनियम भंडार में इजाफा करेगा और उसकी जरुरत साल 2015 की ऐतिहासिक डील के 3.67 प्रतिशत से कई ज्यादा है।”

    अमेरिका ने परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था और इसके बाद वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबंधों को थोप दिया था। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। सूत्रों के हवाले से सोमवार को ईरानी न्यूज़ एजेंसी ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि ईरान ने यूरेनियम के उत्पादन में इजाफा किया है जो साल 2015 की संधि के तहत तय थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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