रूस (Russia) के सांसदों ने गुरूवार को कहा कि “अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा घोषित पोलैंड (Poland) में नयी सैन्य तैनाती ने मॉस्को को प्रतिकारी कदम उठाने के लिए मज़बूर किया है।” एक ने कहा कि वह संघर्ष के आयोजन में पोलैंड को निशाना बनायेंगे।
पोलैंड निशाना होगा
ट्रम्प ने पोलैंड के राष्ट्रपति एंड्रजेज डूडा के समक्ष संकल्प लिया कि वह पोलैंड में 1000 अमेरिकी सैनिको की नियुक्ति करेंगे। इस कदम ने अमेरिका की आक्रमकता को बढ़ा दिया है। रूस की संसद के सदस्यों ने सबसे पहले इस पहल पर अपनी प्रतिक्रिया का इजहार किया है। वह सैन्य ड्रोन की तैनाती करेंगे।
रायटर्स के मुताबिक उच्च सदन में अंतरराष्ट्रीय मामलो की समिति के उपप्रमुख व्लादिमीर डज़हेब्रोव ने कहा कि “किसी भी संघर्ष के आयोजन में पोलैंड का क्षेत्र स्पष्ट तौर पर प्रतिकारी हमला का निशाना होगा, अगर वहां से हमारी तरफ कोई हमला किया गया तो।” ें अन्य सांसद रुसी विशेष सेना के पूर्व कमांडर व्लादिमीर शमनोव ने कहा कि “वह अमेरिकी ड्रोन्स को लेकर चिंतित है क्योंकि उनमे परमाणु हथिआर लादने की क्षमता है।”
विश्व जोखिम की तरफ बढ़ रहा
उन्होंने कहा कि “विश्व व्यवस्थित ढंग से खतरनाक वक्त की तरफ खिसक रहा है जिसकी तुलना कैरिबियाई संकट से की जा सकती है। हमें प्रतिकारी कार्रवाई के लिए मज़बूर किया जा रहा है और वह हमारे शस्त्रागार में हैं।” साल 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट की तरफ रूस का इशारा था। अमेरिका और सोवियत संघ के बीच मतभेद ने विश्व को परमाणु जंग की तरफ धकेल दिया था।
रूस की संसद आम तौर पर विदेशी मामलो के बाबत निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं होती है। हालाँकि की स्थितियां अपवाद होती है जब क्रेमलिन को उच्च सदन से सैन्य अभियान के लिए आधिकारिक मंज़ूरी के लिए आग्रह करना होता है। क्रेमलिन ने अभी तक पोलैंड में अमेरिकी राष्ट्रपति के नयी योजना के बाबत कोई बयान जारी नहीं किया है।
व्लादिमीर पुतिन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि “अमेरिका और रूस के सम्बन्ध दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं।” इस माह के अंत में जापान में जी 20 के सम्मेलन का आयोजन होगा जहां डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात की सम्भावना है।