अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने रविवार को ईरान को माजिद अलगाव और प्रतिबंधों को लागू करने की धमकी दी थी। इससे कुछ समय पूर्व ही तेहरान ने ऐलान किया था कि वह कुछ ही पलो में साल 2015 की परमाणु संधि में सीमित यूरेनियम संवर्धन से अधिक उत्पादन करेगे।
अमेरिका की धमकी
माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा कि “ईरान का परमाणु कार्यक्रम में हालिया विस्तार उसे अलगाववाद और प्रतिबंधों की तरफ ले जायेगा। राष्ट्रों को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संवर्धन पर रोक लगाने के लिए दीर्घकालिक मानक बहाल करने होंगे। ईरान का शासन विश्व के लिए एक बेहद खतरनाक चुनौती बन रहा है।”
अधिकारीयों के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया कि ईरान यूरेनियम संवर्धन की मात्रा में वृद्धि कर रहा है। वह संधि के तहत इसकी सीमा 3.67 प्रतिशत के पार ले जायेगा। यह कदन यूरोप पर दबाव बनाने के लिए है ताकि वह ईरान को अमेरिका के प्रतिबंधों के चंगुल से निकाल पाए।
वैश्विक संधि को तोड़ा
बीते साल मई में अमेरिका ने ईरान व अन्य वैश्विक देशों के साथ हुई इस संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। तेहरान ने संधि के शेष साझेदारो से संधि की कई प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने की धमकी दी थी।
ईरान के विदेश मन्त्री जावेद जरीफ ने कहा कि “तेहरान का कदम परिवर्तनीय है अगर यूरोपीय देश इस संधि को बचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहते हैं।” अमेरिका ने परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था और इसके बाद वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबंधों को थोप दिया था। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
ईरान के ख़ुफ़िया विभाग के मंत्री ने कहा कि “तेहरान और वांशिगटन के बीच बातचीत तभी संभव है जब अमेरिका प्रतिबंधों का अंत कर दे और ईरान के आला विभाग दो दुश्मनों के बीच बातचीत के लिए अनुमति प्रदान का दे।”