पोप फ्रांसिस का एशियाई देश म्यांमार व बांग्लादेश का दौरा आज शनिवार को समाप्त हो गया है। बांग्लादेश दौरे के अंतिम दिन पोप ने ढ़ाका में स्थित एक अस्पताल का दौरा किया जो कि रोहंग्या की दुर्दशा से प्रभावित है। मदर टेरेसा अस्पाल में सैकड़ों बांग्लादेशी ननों ने उन्हें बधाई दी । उन्होंने बांग्लादेश में कैथोलिकों के कार्यों के लिए श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
इससे पहले पोप ने रोहिंग्या समुदाय के साथ मुलाकात करके उनका दर्द सुना था। गुरूवार को पोप ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की थी कि वो रोहिंग्या के हितों की रक्षा में आगे आए व निर्णायात्मक फैसला ले।
पोप फ्रांसिस को दो देशों का दौरा खत्म हो चुका है। अब वो वापस से वेटिकन सिटी के लिए प्रस्थान करेंगे। पोप के दौरे पर पूरे विश्व की नजर थी। सभी को लग रहा था कि वो रोहिंग्या मुद्दे को लेकर दौरा कर रहे है।
इससे पहले पोप फ्रांसिस ने बांग्लादेश में रोहिंग्या का नाम ले ही लिया। दरअसल पोप फ्रांसिस म्यांमार व बांग्लादेश के दौरे पर निकले थे। म्यांमार दौरा खत्म होने के बाद वो बांग्लादेश पहुंचे थे।
म्यांमार में पोप ने सार्वजनिक रूप से रोहिंग्या के नाम का जिक्र तक नहीं किया था। जिससे कई मानवाधिकार संगठनों व रोहिंग्या समुदाय ने नाराजगी व्यक्त की थी। अब शुक्रवार को बांग्लादेश में पोप फ्रांसिस ने रोहिंग्या का नाम लिया।
रोहिंग्या समुदाय के लोगों के साथ मिलकर पोप ने उन पर किए गए अपराधों व उत्पीडनों को लेकर दुनिया की तरफ से माफी मांगी। पोप ने रोहिंग्या अधिकारों को लेकर भी बात की। इस दौरान पोप से रोहिंग्या शरणार्थियों की दुर्दशा नहीं देखी गई और उन्होंने आखिरकार रोहिंग्या का नाम लेकर उनके दर्द व पीड़ा को सुना व उन्हें सांत्वना दी।
पोप ने इसे एशिया का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट करार देते हुए रोहिंग्या समुदाय को आशीर्वाद दिया। पोप ने रोहिंग्या शरणार्थियों पर दुनिया की उदासीनता लेकर रोहिंग्या समूह से माफी मांगी। पोप ने कहा कि भगवान की मौजूदगी को भी रोहिंग्या कहा जाना चाहिए।
रोहिंग्या शरणार्थियों का पोप ने दर्द सुना
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार स्थित शरणार्थी शिविरों से करीब 16 रोहिंग्या जिसमें 14 आदमी, 2 महिला व शेष 2 बच्चे शामिल थे। ये लोग पोप फ्रांसिस से ढाका के आर्कबिशप निवास पर मिलने पहुंचे। शुक्रवार को इन शरणार्थियों ने पोप के साथ मुलाकात की।
पोप ने एक छोटी लड़की को आशीर्वाद दिया और उसके सिर पर अपना हाथ रखा। इसके अलावा एक आदमी के कंधे पर हाथ रखा। जिन महिलाओं ने पोप के साथ मुलाकात की उन्हें देखकर पोप ने कहा कि शायद हम आपके लिए बहुत कुछ नहीं कर सके लेकिन आपके साथ जो त्रासदी हुई है उसके लिए हमारे दिल में जगह है।
इस प्रकार पोप फ्रांसिस ने रोहिंग्या शरणार्थियों का दर्द सुना व बांटा। पोप से मुलाकात के दौरान रोहिंग्या संकट को बताते हुए उनकी आवाज भावनाओं से कांप रही थी।
पोप ने कहा कि जिन लोगों ने आपको सताया है व अत्याचार किए है उस पर दुनिया की उदासीनता की वजह से मैं आपसे माफी मांगता हूं। पोप ने शरणार्थियों की सहायता के लिए अपील की और उनके अधिकारों की वकालत की।
पोप ने बांग्लादेश को बड़ा दिलवाला बताया। गौरतलब है कि म्यांमार में ईसाईयों के ऊपर कोई संकट ना आ जाए इस वजह से शायद पोप ने रोहिंग्या शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था।