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    वेटिकन म्यांमार रोहिंग्या

    ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ्रांसिस सोमवार को म्यांमार में पहुंच चुके है। इस दौरान वे रोहिंग्या मुद्दे को लेकर चर्चा करेंगे। पोप फ्रांसिस 27-30 नवंबर तक म्यांमार व 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे। वेटिकन ने अगस्त में पोप फ्रांसिस के कार्यक्रम की घोषणा की थी।

    पोप फ्रांसिस दक्षिण एशिया के दो छोटे देशों म्यांमार व बांग्लादेश के दौरे पर जा रहे लेकिन उनके पड़ोसी व बड़े देश भारत में नहीं आ रहे है। पोप के भारत यात्रा में नहीं आने पर भारतीय कैथोलिक के शीर्ष पादरियों ने निराशा जताई है।

    भारत में कैथोलिक से संबंधित संगठन को भारत द्वारा पोप फ्रांसिस को निमंत्रण भेजने की कोशिशों में लगे हुए थे लेकिन उन्हें अंत में निराशा ही हाथ लगी।

    कैथोलिक संगठन चाहता था कि भारत सरकार प्रोटोकॉल के मुताबिक पोप फ्रांसिस को अपने देश में बुलाने का निमंत्रण भेजे क्योंकि वे भारत के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के व्यक्तिगत मेहमान के तौर पर ही आते है।

    भारत सरकार ने पोप को नहीं भेजा न्यौता

    कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थिओडोर मास्कारेंहस ने पोप फ्रांसिस के भारत में नहीं आने पर दुख व्यक्त किया है। क्योंकि भारत की तरफ से पोप फ्रांसिस को न्यौता ही नहीं दिया गया था।

    अगर पोप भारत आते तो यह सिर्फ कैथोलिक के लिए ही अच्छा नहीं होता बल्कि पूरी दुनिया की नजरों में देश के लिए एक पवित्र यात्रा मानी जाती। पोप के भारत में नहीं आनने को थिओडोर ने शर्मनाक बताते हुए कहा कि ये बेहद शर्म की बात है पोप फ्रांसिस दो छोटे देश म्यांमार व बांग्लादेश की यात्रा पर है लेकिन भारत की यात्रा पर नहीं आए।

    पोप का यहां नहीं आना भारतीयों के लिए दर्द के समान है। विभिन्न कैथोलिक संगठनों ने पोप के भारत नहीं आने पर निराशा व्यक्त की है। गौरतलब है कि भारत की अंतिम पोप यात्रा साल 1999 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा हुई थी जो कि  अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली पिछली एनडीए सरकार के दौरान थी।

    बिशप थिओडोर ने आगे कहा कि भारत सरकार पोप की यात्रा पर विचार के लिए अधिक समय ले रही है। लेकिन उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि पोप जल्द ही भारत यात्रा पर सकते है क्योंकि हमारी सरकार से बातचीत इस बारे में जारी है।

    पोप क्या है?

    ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरू को पोप का दर्जा मिलता है। वेटिकन सिटी के प्रमुख को पोप कहा जाता है। ईसाई धर्म के सबसे बड़े व्याख्याता पोप होते है। ईसाई पोप को भगवान के समान मानते है।