देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की 6 पैरा मिलिटरी फोर्स में वर्तमान में खाली 55 हज़ार पदों को तत्काल रूप से भरने की प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश दिया है।
कुल 55 हज़ार पदों में देश की सबसे बड़ी पैरा मिलिटरी फोर्स सीआरपीएफ़ में 21 हज़ार पद खाली हैं, जबकि देश के बार्डर पर अपनी सेवा देने वाली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) में 16 हज़ार पद खाली हैं।
इन सभी फोर्सों के अतिरिक्त दिल्ली पुलिस में रिक्त पदों को भरने की रूपरेखा के लिए एक मीटिंग का आयोजन किया गया था।
हालाँकि भर्ती की प्रक्रिया में संभावित देरी से बचने के लिए मंत्रालय ने सीधे उच्च स्तर पर अपने आदेश को पारित किया है। इसके लिए मंत्रालय ने समय सीमा का भी निर्धारण किया है।
इसी के साथ पिछले 2 सालों में देश के विभिन्न अर्धसैनिक बलों में करीब 1.35 लाख नौजवानों की भर्ती की गयी है। इन कुल पदों में 233 पद डीएसपी व 140 पद कमांडेंट और डीआईजी रैंक के पद भी थे।
इस बाबत जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया है कि अर्धसैनिक बलों में ये पद सैनिकों के रिटायरमेंट, इस्तीफे, उनकी मृत्यु व नए पदों के निर्माण या नयी बटलियानों के निर्माण से खाली हो जाते हैं।
ऐसे में देश की सुरक्षा के लिहाज से इन सभी खाली पदों को भरना अति आवश्यक हो जाता है। इन खाली पदों को सीधी भर्ती, प्रमोशन व नियमों के अनुसार नियुक्ति के जरिये भरा जाता है।
इसी के साथ देश के अन्य अर्धसैनिक बल जैसे सशत्र सीमा बल (SSB), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और असम राइफल्स में भी काफी पद खाली हैं।
सीआरपीएफ़ देश के आंतरिक भाग में सुरक्षा का काम देखने के साथ ही, कश्मीर में शांति को बरकरार रखने के लिए काम करती है, जबकि बीएसएफ़ सीधे तौर पर देश की सीमा पर तैनात रहती है। बीएसएफ़ इस वक़्त भारत-पाकिस्तान व भारत-बांग्लादेश बार्डर पर अपनी सेवाएँ दे रही है।
एसएसबी भारत-भूटान सीमा पर सक्रिय है, जबकि आईटीबीपी भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात है। वहीं सीआईएसएफ़ देश के एयरपोर्ट, औद्योगिक क्षेत्र, संवेदनशील सरकारी भवन व मेट्रो स्टेशनों पर अपनी सेवाए दे रही है।