पनामा पेपर्स लीक करने वाले जर्मन समाचार पत्र ने कालेधन को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है। मोदी सरकार की नोटबंदी के एक साल पूरे होने के ठीक दो दिन पहले ही इस जर्मन अखबार ने दुनियाभर की उन कंपनियों और हस्तियों के नामों का खुलासा कर दिया है जो अपने कालेधन को सफेद बनाने में लगे हुए थे।
पैराडाइज पेपर्स में 180 देशों से जुड़े कुल एक करोड़ चौतीस लाख दस्तावेज लीक हुए हैं। आप को बता दें कि इन डॉक्यूमेंटस में 714 भारतीय हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। इन 714 भारतीय नामों में उन प्रमुख हस्तियों का नाम शामिल है जिन्होंने बरमूडा की एप्पलबाय फर्म और सिंगापुर की एशियासिटी कंपनी की सहायता से अपने कालेधन को इधर—उधर ठिकाने लगाने का काम किया है।
इन नामों में मोदी सरकार के राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, बॉलीवुड शहंशाह अमिताभ बच्चन, विजय माल्या, पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम,संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेतटिव जर्नलिस्ट यानि आईसीआईजे में 96 मीडिया आर्गेनाइजेशन शामिल हैं। इस आॅर्गेनाइजेशन में भारत के अखबार इंडियन एक्सप्रेस को भी शामिल किया है। आपको बता दें कि बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबाय में दुनियाभर के जाने माने वकील, अकाउंटेट्स, बैकर्स शामिल हैं, जो विश्व के बड़े पूंजीपतियों के काले धन को सफेद बनाने का काम करते हैं।
क्या है पैराडाइज पेपर्स?
एक जर्मन अखबार ने दुनिया भर के 180 देशों से जुड़े कुल एक करोड़ चौतीस लाख दस्तावेज लीक किए हैं। इस जर्मन अखबार ने बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबाय तथा सिंगापुर की कंपनी एसियासिटी से जुड़े उन सभी दस्तावेजों को लीक करने का काम किया है जिसमें दुनियाभर के उन प्रमुख उद्योगपतियों और हस्तियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने कालेधन को सफेद बनाने का काम किया है।
आप को बता दें कि जर्मन अखबार ने इंटरनेशनल कॉन्सार्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट जिसमें 96 मीडिया आॅर्गेनाइजेशन भी शामिल हैं, के साथ मिलकर कालेधन को सफेद बनाने वाली शख्सियतों के नाम उजागर किए हैं। जिन्हें पैराडाइज पेपर्स का नाम दिया गया है।