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    फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन

    फ्रांस के प्रधानमन्त्री एडौअरद फिल्लिप्पी ने छह माह तक ईंधन की कीमतों की वृद्धि पर छह माह तक रोक लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि कोई शुल्क राष्ट्र की एकता को खतरे में नहीं डाल सकता हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी प्रदर्शन का ऐलान पूर्व और शांतिपूर्ण तरीके से करना होगा।

    फ्रांस24 के मुताबिक ईंधन की कीमत बढ़ने से नाराज होकर वाहनचालकों ने इस प्रदर्शन की शुरुआत की थी लेकिन अब महंगे जीवन स्तर के के कारण यह प्रदर्शन व्यापक होता जा रहा है। इस प्रदर्शन में आंदोलनकारी पेंशन में वृद्धि, टैक्स के कमी, उच्च तनख्वाह और राष्ट्रपति मैक्रोन की सरकार को जनता की सरकार में तब्दील होने की मांग की है।

    प्रधानमन्त्री ने कहा किहमे हालातों पर काबू रखकर इसे पतित होने से बचाना चाहिए। प्रधानमन्त्री ने बहुमत के सांसदों के साथ मुलाकात इ यह बात कही थी। ईंधन के शुल्कों में यह रियायत जनवरी तक दी गयी है, पहली बार फ्रांस के राष्ट्रपति कोअपने किसी फैसले को वापस लेना पड़ा है। इम्मानुएल मैक्रॉन हमेशा खुद को एक सख्त और दृढ संकल्प आर्थिक सुधारवादी के तौर पर दिखाया है।

    हालांकि इस फौरी रियायत से प्रदर्शकारियों  का गुस्सा थमेगा या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्योंकि येलो वेस्ट प्रदर्शंकारी और विपक्षी दलों के मुताबिक यह रोयायत नाकाफी है। प्रदर्शन के आयोजनकर्ता ने कहा कि फ्रांसको टुकड़े नहीं बल्कि पूरा हक़ चाहिए। दक्षिण पंथी नेता ने ट्विटर पर कहा कि प्रदर्शनकारी उच्च ईंधन दरों पर टैक्स को बंद करने की मांग कर रहे हैं न कि निरस्त करने के लिए कह रहे थे।

    इम्मानुएल मक्रों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, सोमवार को उन्होंने दिव्यंगों और उनकी जरूरतों से सम्बंधित ट्वीट किया था जिस पर उनकी काफी आलोचना हुई थी। फ्रांस में समस्या के कारण राष्ट्रपति ने सर्बिया का दौरा रद्द कर दिया था। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदर्शन के कारण होटल के कारोबार में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है।

    फ्रांस में दशकों बाद शनिवार को शहरी क्षेत्रों में जबरदस्त हिंसक दंगे हुए थे। खबरों के मुताबिक येलो जैकेट हिंसक तत्वों ने वाहनों को क्षति पहुंचाई, खिड़किया तोड़ी गयी, दुकानों को लूटा गया और जमकर उत्पात मचाया गया था। फ्रांस में शुल्क की बढ़ोत्तरी के कारण प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन के नेतृत्व से संतुष्ट नहीं है। प्रदर्शनकारियों के बताया कि सरकार को आम जनता की समस्याओं की फ़िक्र नहीं है।

    राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने तत्लाक प्रधानमन्त्री और अन्य मंत्रियों के साथ एक आपात बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में दंगों के बढ़ने से सबंधित चर्चा शुरू की गयी थी। हिंसा के बारे बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिंसा का शांति से कोई लेना देना है, पुलिस पर हमला, दुकानों में तोड़ फोड़ और आगजनी करने की कोई उचित नहीं ठहराया जा सकता  है।

    पेरिस में पिछले तीन हफ़्तों से येलो जैकेट में प्रदर्शन जारी है। साल 2005 के बाद का यह सबसे हिंसक प्रदर्शन है। इस हिंसा को थामने में हजारों पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। पेरिस पुलिस के मुताबिक इस आन्दोलन में 20 पुलिसकर्मी सहित कम से कम 110 लोग जख्मी हुए हैं और 224 लोग इस आन्दोलन के दौरान गिरफ्तार किये गए हैं।

    शनिवार की दोपहर में मध्य पेरिस को पुलिस  मे बंद कर दिया था, सुरक्षा कारणों से 20 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए थे और इस इलाके के आस पास की दुकानों को शाम को जल्दी बंद करने के आदेश दिए गए थे। पेरिस की मेयर ने ट्वीट कर कहा था कि पुलिस के साथ झड़प से उन्हें बेहद निराशा और आक्रोश है, उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा स्वीकार नहीं है।

    फ्रेंच विभाग ने कहा कि पूरे देश में 7500 प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे जबकि पेरिस में 5500 आन्दोलनकारी एकजुट थे। शनिवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए पुलिस चेक पॉइंट से गुजरे थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि महीने के आखिरी दिनों में घर चलाना मुश्किल हो जाता है, लोग काम करते हैं और सिर्फ शुल्क चुकाते हैं, अब हम थक चुके हैं।

    पेरिस की निवासी ने कहा कि हमारी सामान खरीदने की क्षमता दिन प्रतिनदिन काम होती जा रही है। हमारे जीवन का अर्थ केवल कर, कर और कर चुकता करना रह गया है। 17 नवम्बर को शुरू हुए इस आन्दोलन में अब तक दो लोगों की मौत हो गयी हैं जबकि सैकड़ों लोग प्रदर्शन के दौरान घायल हो गए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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