पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को उनकी ही पर्सनल सेक्रेटरी द्वारा धमकी देकर पैसा उगाही की कोशिश का मामला सामने आया है। पता चला है कि विजय शेखर शर्मा की पर्सनल सेक्रेटरी सोनिया धवन ने उन्हे धमकी दी थी कि विजय शेखर शर्मा सोनिया धवन को बड़ी रकम दें नहीं तो वह कंपनी से संबन्धित संवेदनशील व शर्मा की निजी जानकारी को लीक कर देगी।
इस मामले में फिलहाल नोएडा पुलिस ने सोमवार को सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन व एक अन्य पेटीएम कर्मचारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
नोएडा पुलिस ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा है कि “विजय शेखर शर्मा को उनकी ही पर्सनल सेक्रेटरी द्वारा धमकी दी गयी थी कि विजय शेखर शर्मा उसे 30 करोड़ रुपये की राशि दें, नहीं तो वह उनकी निजी जानकारी व कंपनी से संबन्धित तमाम संवेदनशील जानकारी को लीक कर देगी।”
क्या है पूरा मामला?
नोएडा पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम के संदर्भ में बयान देते हुए कहा है कि “सोनिया धवन कंपनी में अंदर की कर्मचारी थी, ऐसे में कंपनी से संबन्धित किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी उसके पास होना कोई बड़ी बात नहीं है।
इसी को लेकर उसने यह जाल बुना, जिसमें उसने अपने पति रूपक जैन और पेटीएम के ही एक अन्य कर्मचारी देवेंद्र कुमार को भी शामिल किया। इनके प्लान के तहत विजय शेखर शर्मा के पास कोलकाता से एक कॉल आई जिसमें कंपनी की संवेदनशील जानकारी के एवज में भारी भरकम राशि मांगी गयी थी।
जब शर्मा ने इसकी जानकारी अपनी सेक्रेटरी सोनिया धवन को दी, तब उसने शर्मा से कहा कि “अभी पे कर दीजिये आप, क्या पता कैसा डाटा हो?” इसके बाद ही विजय शेखर शर्मा ने पुलिस से संपर्क किया।”
कोर्ट ने इन तीनों आरोपियों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया दिया है।
क्या था सोनिया का उद्देश्य?
सोनिया धवन पेटीएम जैसी बड़ी कंपनी के सीईओ की पर्सनल सेक्रेटरी थी। ऐसे में उसका करियर तो तेजी से आगे बढ़ ही रहा था, इस पोजिशन पर उसे अच्छी तनख्वाह भी मिल रही थी। सोनिया धवन को इस समय 70 लाख रुपये सालाना सैलरी मिलने के साथ ही उसे कंपनी में करीब 10 करोड़ रुपये कीमत के शेयर भी मिले हुए थे।
पुलिस ने बताया है कि हाल ही में पेटीएम द्वारा जारी की गयी शेयरधारकों की सूची में सोनिया धवन का नाम नहीं था, ऐसे में माना जा रहा है कि सोनिया धवन ने पहले ही अपने हिस्से के शेयर बेच लिए होंगे।
पुलिस ने यह भी जानकारी जारी की है कि सोनिया का पति रूपक जैन रियल स्टेट में हाथ आजमा चुका था, जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ था और अभी काफी समय से बेरोजगार था। इन दोनों के पास नोएडा सेक्टर 120 में एक फ्लैट था, लेकिन ये दोनों और भी बड़ा घर लेना चाहते थे।
वहीं तीसरे आरोपी देवेंद्र कुमार ने पुलिस को बताया है कि सोनिया ने कंपनी का काफी डाटा चोरी कर लिया था, इसके लिए उससे भी कई बार मोबाइल के जरिये वह डाटा कंपनी से बाहर ले जाने के लिए कहा था।
पुलिस के अनुसार पहली कॉल 20 सितंबर को आई थी, जिसमें शर्मा से 30 करोड़ की फिरौती मांगी गयी थी, बाद में काफी बातचीत के बाद यह रकम 10 करोड़ पर तय हुई थी।
अभी क्या कर रही है पुलिस?
नोएडा पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद अदालत ने इन तीनों को 14 दिन के लिए जेल में भेजा है।
पुलिस ने फिलहाल वह हार्ड-डिस्क और पेनड्राइव अपने कब्जे में ले ली है, जिसमें संवेदनशील डाटा होने की बात कही जा रही थी। इसी के साथ पुलिस साइबर एक्सपर्ट के साथ मिलकर कॉल व मैसेज से संबन्धित सारी जानकारी भी निकाल रही है।
पुलिस ने इन तीनों पर धोखाधड़ी व धन उगाही से संबन्धित धारा 381, 384, 386, 420, 408, 120B व आईपीसी की धारा 66 (आईटी एक्ट)के तहत मामला दर्ज किया है।
इस मामले पर अधिक से अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए पेटीएम और नोएडा पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं। इस पूरी घटना में शामिल चौथे शख्स का नाम चोमल बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी शख्स ने कोलकाता से विजय शेखर शर्मा को फोन कर फिरौती की मांग की थी।