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    पेटीएम व्हाट्सप्प

    भारतीय डिजिटल भुगतान क्षेत्र में इस समय भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है। काफी समय से अकेले युद्ध के मैदान में खड़े पेटीएम को अब बड़ी विदेशी कंपनियों का सामना करना पड़ सकता है। फेसबुक द्वारा अधिकृत व्हाट्सप्प ने यह ऐलान कर दिया है कि वह भारत में डिजिटल भुगतान जल्द ही शुरू करने जा रहा है। कम्पनी के इस फैसले के तुरंत बाद से ही ट्विटर और अन्य जगहों पर लोगों में जुबानी जंग शुरू हो गयी है।

    पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा नें सबसे पहले इस मामले में ट्वीट करते हुए व्हाट्सप्प को निशाना बनाया। शर्मा नें कहा कि व्हाट्सप्प का यह कदम लोगों के लिए जोखिम भरा है। इसके अलावा शर्मा ने अन्य विदेशी कंपनियों पर भी सवाल उठाये।

    विजय शेखर शर्मा का ट्वीट

    आपको बता दें कि इस समय पेटीएम के भारत में 25 करोड़ के करीबन ग्राहक हैं। ऐसे में यदि व्हाट्सप्प का यह कदम सफल रहता है, तो वह डिजिटल भुगतान की दुनिया में भी अपना वर्चस्व कायम कर लेगा। व्हाट्सप्प के इस कदम से सबसे बड़ा झटका पेटीएम को लगेगा, जो इस समय भारत का सबसे बड़ा डिजिटल वॉलेट है।

    इस जंग में हालाँकि इस क्षेत्र से जुड़े अन्य लोगों नें भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दी। फ्रीचार्ज के संस्थापक कुनाल शाह नें व्हाट्सप्प के इस कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि व्हाट्सप्प के भारत में आने से कंपनियों में मुकाबला होना अच्छी बात है।

    कुनाल शाह ट्वीट व्हाट्सप्प पेटीएम

    पेटीएम विवाद क्यों जाहिर कर रहा है?

    जाहिर है पेटीएम इस समय डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत में सबसे बड़ा नाम है। कंपनी नें हाल ही में अपना डिजिटल पेमेंट बैंक भी शुरू किया था। इस सबके बाद पेटीएम की कोशिश है कि वह इस विशाल क्षेत्र में एकमात्र राज करे।

    अब हालाँकि व्हाट्सप्प के आनें से पेटीएम को खतरा साफ़ दिखाई दे रहा है। इससे पहले जब गूगल नें भारत में पेमेंट सेवा शुरू करने की बात कही थी, तब भी पेटीएम की ओर से इसपर असहमति जताई गयी थी।

    लेकिन, क्या पेटीएम सिर्फ कड़ी टक्कर के लिए व्हाट्सप्प पर निशाना साध रहा है?

    दरअसल, पेटीएम का मानना है कि व्हाट्सप्प भुगतान के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। व्हाट्सप्प और अन्य डिजिटल भुगतान कंपनियां आधार कार्ड या कोई अन्य सुरक्षित मानक का इस्तेमाल करती है, जिससे ग्राहक की पहचान की जा सके। वर्तमान में व्हाट्सप्प में ऐसा कुछ भी नहीं है। व्हाट्सप्प ना तो आपसे कोई यूजरनाम पूछता है, और ना ही कोई पासवर्ड।

    ऐसे में यदि किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में आपका फोन चला जाता है, तो आपके अकाउंट से बड़ी आसानी से पैसे भेजे जा सकते हैं।

    पेटीएम की ओर से कहा गया है कि व्हाट्सप्प भारत सरकार की ओर से जारी की गयी यूपीआई निर्देश का पालन नहीं कर रहा है। पेटीएम के सीनियर वाईस-प्रेसिडेंट दीपक अबोट नें इस मामले में हाल ही में अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि सभी यूपीआई ऐप में ग्राहकों के पास ऐसा विकल्प होना चाहिए कि वे अकाउंट लोग आउट कर सकें या अपना पासवर्ड बदल सकें, लेकिन पेटीएम में ऐसा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में यह किसी को भी पैसे भेजने की अनुमति दे सकता है।

    पेटीएम के संस्थापक शर्मा ने पीटीआई को बताया, “हम सिर्फ बराबरी चाहते हैं। व्हाट्सप्प पेमेंट लोग इन करने के लिए कोई पासवर्ड नहीं मांगता है, जो ग्राहकों के लिए काफी जोखिम भरा है। हालाँकि यह (व्हाट्सप्प पेमेंट) अभी टेस्टिंग मोड में है, लेकिन हम जानते हैं कि इसमें कोई भी बदलाव बाद में नहीं होगा।”

    शर्मा ने इससे पहले फेसबुक पर सीधा निशाना साधते हुए कहा था कि फेसबुक अपनी गन्दी गतिविधियों से भारत में जीतने की कोशिश कर रहा है।

    भविष्य?

    एक बात तो साफ़ है कि फेसबुक और व्हाट्सप्प के लिए भारत एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है। 20 करोड़ से ज्यादा लोग दोनों कंपनियों से जुड़े हैं। ऐसे में मार्क ज़ुकेरबर्ग की कंपनी चाहेगी कि वह इतनी बड़ी संख्या का फायदा उठाये।

    आने वाले समय में व्हाट्सप्प डिजिटल भुगतान क्षेत्र में जरूर अपना कदम रखेगी। कंपनी नें इसकी तैयारी शुरू कर दी है। खबर है कि कंपनी नें भारत में डिजिटल भुगतान के लिए सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की मदद ली है।

    ऐसे में, भारतीय कंपनियों को आने वाले समय में और कड़ी चुनौती मिल सकती है। कंपनियों की यही कोशिश होनी चाहिए कि वे अपनी सेवा को एक-दुसरे से बेहतर करें और ग्राहक की जरूरतों को प्राथमिकता दें।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।