अमेरिका के हमले में ईरान के शीर्ष मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान में गुस्से का माहौल है। इस बीच ईरान की संसद ने पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) के सभी सदस्यों और सुलेमानी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को आतंकी ताकतें घोषित करने के समर्थन में मतदान किया है।
तेहरान स्थित मेहर न्यूज एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि तिहरा-आवश्यक प्रस्ताव 23 अप्रैल, 2019 को पहले से पुष्टि किए गए विधेयक का एक संशोधन है, जिसने वाशिंगटन द्वारा ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) को आतंकवादी संगठन ठहराए जाने के बाद इसके जवाब के तौर पर अमेरिकी सेंट्रल कमांड को भी आतंकी संगठन घोषित किया था।
संसद के अध्यक्ष अली लारिजानी ने मंगलवार को खुले सत्र में कहा कि पिछले अमेरिका विरोधी कानून में अमेरिकी सेंट्रल कमांड को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया था।
लारिजानी ने कहा, “आज, जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए अमेरिका के क्रूर कदम के बाद, जिसकी जिम्मेदारी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार की गई है, हम पिछले कानून को संशोधित करते हैं। इसके साथ ही घोषणा करते हैं कि पेंटागन के सभी सदस्य, कमांडर, एजेंट और जो भी जनरल सुलेमानी की शहादत के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें आतंकवादी ताकत के रूप में माना जाएगा।”
उन्होंने कहा कि संशोधित कानून अगले दो महीनों के लिए ईरान के राष्ट्रीय विकास कोष से आईआरजीसी को 22.3 करोड़ डॉलर की निकासी की अनुमति देता है।
इसके बाद सांसदों ने संसद में अमेरिका विरोधी नारे लगाए।
अमेरिका द्वारा तीन जनवरी को किए गए ड्रोन हमले में सुलेमानी, उनके दामाद और इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फ्रंट (पीएमएफ) के द्वितीय कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए थे। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर हुए इस हमले में आठ अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी।
इस हमले के बाद ईरान ने इसकी व्यापक निंदा की जा रही है। सुप्रीम लीडर खामेनी और राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका से बदला लेने की कसम खाई है।