भारत के जम्मू कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमलों पर नेपाल में सैकड़ों लोगों ने शनिवार को प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन नेपाल के परसा, माजोत्तरी, रुपन्देही और अन्य जिलों में हुए थे। यह प्रदर्शन भारत सरकार के साथ एकजुटता और जघन्य अपराध के विद्रोह में हुआ था।
नेपाल में भारतीय अभियान में कार्यरत कर्मचारियों ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के लिए एक दिन की तनख्वाह का दिया है। काठमांडू में भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी ने बताया कि “हमने शहीदों के परिवारों के लिए अपनी एक दिन की तनख्वाह का योगदान देंगे, जो अपनी बखूबी नौकरी के लिए निशाना बनाये गए थे। भारतीय दूतावास में तक़रीबन 100 से अधिक लोग कार्यरत है।”
In #Nepal, hundreds of people held protests over the killing of 40 Indian security personnel by Pakistan based terror outfit Jaish-e-Mohammed (JeM) in Jammu and Kashmir's Pulwama last week pic.twitter.com/nUaAI8c2wA
— DD News (@DDNewslive) February 23, 2019
उन्होंने कहा कि “हम सभी इसमें अपना योगदान देंगे, क्योंकि हमें यकीन है कि आतंकवाद को किसी भी तरीके से मान्य मनहिं ठहराया जा सकता है। हम अपने भारतीय मित्रों के साथ है।”
भारतीय दूतावास ने 27 फरवरी को काठमांडू में कैंडललाइट जूलूस निकाला का आयोजन किया था। रिपोर्टों के अनुसार, हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
शिकागो और उसके इर्द-गिर्द के क्षेत्रों से भारतीय मूल के अमेरिकियों ने पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के दूतावास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। शिकागो में स्थित चीनी दूतावास से भारतीय अमेरिकियों ने मांग की कि यूएन द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी आतंकियों को बीजिंग को समर्थन और पनाह देना बंद करना चाहिए।