14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहां थे? राहुल गांधी के ट्वीट के बाद अचानक यह सवाल चर्चा में है। कांग्रेस का आरोप है कि जिस वक्त जवानों पर आत्मघाती हमला हुआ उस वक्त मोदीजी जिम कॉर्बेट पार्क में एक डाक्यूमेंट्री की शूटिंग में थे। उन्हें 40 जवान के शहीद होने की खबर मिलने के बावजूद भी वे नहीं हिले।
कांग्रेस बार-बार यह सवाल उठा रही है कि आखिर 14 फरवरी को जिस समय देश पर संकट आया उस समय मोदी कहां थे? क्या उन्हें घटना की जानकारी देर से मिली? कांग्रेस मोदीजी के उस दिन का यात्रा विवरण मांग रही है। इन सब में एक बात साफ है कि पुलवामा हमले के बाद भी दो घंटे तक प्रधानमंंत्री फोन से एक रैली को संबोधित करते रहें, उन्होंने अपने संबोधन में एकबार भी हमले का जिक्र नहीं किया।
हालांकि इस मुद्दे पर अभी भी कोई पक्का सबूत नहीं मिला है।
शुक्रवार के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांंधी ने एक ट्वीट में लिखा “40 जवानों के शहीद होने की खबर मिलने के बाद भी 3 घंटे तक ‘प्राइमटाइम मिनिस्टर’ शूटिंग करते रहे।”
पुलवामा में 40 जवानों की शहादत की खबर के तीन घंटे बाद भी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ फिल्म शूटिंग करते रहे।
देश के दिल व शहीदों के घरों में दर्द का दरिया उमड़ा था और वे हँसते हुए दरिया में फोटोशूट पर थे।#PhotoShootSarkar pic.twitter.com/OMY7GezsZN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 22, 2019
इस ट्वीट पर जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लिखा कि “शूटिंग सुबह हुई थी, राहुल गांधी ‘फेक न्यूज’ न फैलाएं।”
Rahul Ji, India is tired of your fake news. Stop sharing photos from that morning to shamelessly mislead the nation.
Maybe you knew in advance of the attack but people of India got to know in the evening.
Try a better stunt next time, where sacrifice of soldiers isn’t involved. https://t.co/qiAhUKrNdg— BJP (@BJP4India) February 22, 2019
तो आखिर उस दिन हुआ क्या?
पॉलिटिक्ल रैली
14 फरवरी को मोदी ने रुद्रपुर में रैली की, जिसे उन्होंने लगभग 5.10 बजे फोन पर संबोधित किया। यह प्रसारण लाइव चल रहा था। लेकिन, पुलवामा हमला दोपहर 3.10 बजे हुआ। वहां संबोधन के दौरान उन्होंने जो कुछ भी कहा उसे दूरदर्शन ने टिकर में चलाया भी था। उन्होंने एक बार भी पुलवामा हमले का जिक्र नहीं किया था।
https://twitter.com/chirag/status/1098787667255296000
पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह कहा, “मुझे खेद है कि इतनी दूर आकर भी खराब मौसम के कारण मैं रैली में नहीं आ पाया।” फोन पर ही उन्होंने जनता को तमाम परियोजनाओं, किसानों के हित के लिए स्कीम याद दिलाई। यह भी कहा कि भाजपा आगे भी राज्य का विकास करती रहेगी। उनके भाषण में उन्होंने साफ कहा है कि वे खराब मौसम के कारण रुद्रपुर नहीं गए हैं।
बाकी का पूरा दिन
सभी स्थानीय अखबारों में अलग-अलग बातें छपी है कि बाकी के दिनभर मोदी कहां और क्या कर रहे थे। कांग्रेस इन्हीं को सबूतों की तरह मीडिया के सामने पेश कर रही है। उत्तराखंड के तमाम अधिकारियों ने टाइमस ऑफ इंडिया, इकोनॉमिक टाइम्स को अखबारों वालों से जो कहा है कांग्रेस उस के तहत प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रही है।
हर कोई अलग-अलग बात कर रहा है, जो निम्नलिखित हैं-
- कांग्रेस के आरोप- हमले की खबर सुनने के बावजूद भी मोदी ने फिल्म की शूटिंग जारी रखी। उन्होंने नौका-विहार किया। शाम 6:30 बजे तक नाश्ते का आनंद लेते रहे।
- उत्तरखंड अधिकारियों के अनुसार- प्रधानमंत्री ने हमले से पहले ही नौका-विहार किया था। बाद में वे जंगल में सफारी करने गए। जहां उन्होंने अपने फोन से काले हिरण की फोटो खींची और फिर 4:30 बजे गेस्ट हॉउस में वापस आए।
- अन्य सरकारी सूत्रों के अनुसार- मोदीजी ने रुद्रपुर की रैली में जाना रद्द किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से बाद की, जम्मू-कश्मीर के गवर्नर, गृह मंत्री से बात की वहां का जायजा लिया उसके बाद रैली को फोन से संबोधित किया। इस बीच उन्होंने कुछ भी खाया-पिया नहीं था।
- वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार- मोदी ने सीमा की स्थिति को देखते हुए रुद्रपुर जाना रद्द किया था। 5:10 में उन्होंने फोन से रैली को संबोधित किया। उसके बाद वे बरैली के लिए सड़क के रास्ते निकले थे।
- टेलीविजन व इकोनॉमिक टाइम के अनुसार- मोदीजी को इस हमले की जानकारी देरी से मिली। खबर मिलते ही उन्होंने सुरक्षा सलाहकार व तमाम अन्य से फोन पर ही मीटिंग की।
यह सभी बयान अलग-अलग हैं जब तक कोई सटीक सबूत नहीं मिल जाता तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि आखिर उस दिन क्या हुआ था। हालांकि मोदीजी ने जो कुछ भी पुलवामा हमले को लेकर ट्वीट किया वह सब शाम 6:45 के बाद किया।
LIVE: Shri @rssurjewala on #KashmirTerrorAttack https://t.co/PUhl0YsPaa
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 14, 2019
यह बातें क्यों जरुरी है?
यह सवाल केवल पारदर्शिता का है। यदि देश पर आपदा आई तो उस दौरान प्रधानमंत्री कहां थे। राहुल गांधी ने हमले का राजनीतिकरण न करते हुए सरकार के साथ खड़े रहने का बयान दिया फिर वे खुद मामले को क्यों लेकर आए। भाजपा जो चिल्ला-चिल्ला कर पुलवामा हमले पर दु:ख और गुस्सा प्रकट कर रही है वह सच्चाई है या केवल वोट हासिल करने का हथकंडा। वास्तविक दृष्टिकोण समझने के लिए इसका स्पष्ट होना जरुरी है।