Sat. Nov 23rd, 2024
    रूस राष्ट्रपति

    रशिया में राष्ट्रपति पद के लिए इस साल मार्च में कराये चुनाव के नतीजे घोषित किये गए हैं, वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 75 प्रतिशत मतों से जीत चुके हैं। चुनाव के दौरान मुख्य विरोधी नेता अलेक्सेई नवलनी के चुनाव में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था।

    अलेक्सेई नवलनी, पुतिन के खिलाफ देश भर में मोर्चे, रैलियों में माध्यम से विरोध कर रहे हैं। रशिया की राजधानी मास्को के पुश्किन स्कैअर में विरोधियों द्वारा आजोयित विरोध प्रदर्शन में, ‘पुतिन चोर हैं’, ‘रशिया फिर से आजाद होगा’ जैसे नारे लगाये गए, इस प्रदर्शन का नेतृत्व अलेक्सेई नवलनी कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन को गैर क़ानूनी बताते हुए पुलिसों ने अलेक्सेई नवलनी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।

    राजनितिक स्वतंत्रता का मूल्यांकन करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था ओवीडी-इन्फो के अनुसार, शनिवार देर रात तक 1,607 प्रदर्शनकारियों को रशिया के 20 मुख्य शहरों से गिरफ्तार किया गया हैं। रिपोर्ट के अनुसार 704 प्रदर्शनकारियों को मास्को से और 229 को सेंट पीटर्सबर्ग से गिरफ्तार किया जा चूका हैं।

    व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति पद तक की यात्रा

    1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद रशिया नए देश रूप में उभरा, कम्युनिस्ट पार्टी के शासन से हटने के बाद रशिया एक बहुपक्षीय गणतंत्र बनाया गया। आजादी के बाद के शुरुवाती दिनों में कोई भी नेता ऐसा नहीं था, जो रशिया को सोवियत संघ के स्तर तक ले आये।

    व्लादिमीर पुतिन जो एक केजीबी एजेंट थे, सोवियत संघ के पतन के बाद रशिया लौट आये थे। पुतिन सोवियत संघ के पतन और रशिया की स्थिति के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार मानते थें और रशिया को अपने फिर से सोवियत संघ के स्तर की महाशक्ति बनाना चाहते थे।

    सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर का चुनाव जीतने से उन्होंने राजनीती का सफ़र शुरू किया, जल्द ही वे मौजूदा राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के करीबी बन चुके थें। बोरिस येल्तसिन के करीबी माने जाने वाले पुतिन जल्द ही रशिया के प्रधानमंत्री बन चुके थे। उन्होंने रशिया में बदलाव करने शुरू किये।

    पुतिन ने अपनी पार्टी ‘यूनाइटेड रशिया’ गठित की और रशियन राष्ट्रपति चुनाव जीत ने के बाद पुतिन ने सैन्य के आधुनिकीकरण करने और सेना की शक्ति बढानें पर अपना ध्यान केन्द्रित किया।

    रशियन संविधान के अनुसार कोई भी राष्ट्रपति लगातार दो कार्यकालों के बाद राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकता, मगर एक राष्ट्रपति के कितने कार्यकाल हों इस विषय पर रशियन संविधान में कोई स्पष्टीकरण नहीं हैं। वर्तमान संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 वर्षों का होता है।

    राष्ट्रपति पुतिन और 2018 का अध्यक्षीय चुनाव

    रशियन रूबल की कम हो रही कीमत, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध, देश में बढती बेरोजगारी यह मुद्दे इस साल मार्च में हुए राष्ट्रपति चुनाव का केंद्रबिंदु थे, और इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम अलेक्सेई नवलनी, अपने विरोध प्रदर्शनों से कर रहे थे।

    सोवियत संघ के पतन के बाद रशिया के राष्ट्रपति के तौर पर व्लादिमीर पुतिन अब तक 18 वर्षो तक सत्ता संभाल चुके हैं। देश में बढ़ रही समस्याओं को विरोधी नेता पुतिन को जिम्मेदार मानते हैं। राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा होने के बाद पुतिन का चुनाव में हिस्सा लेना अनिश्चित माना जा रहा था। क्रेमलिन द्वारा भी इस अनिश्चितता की पुष्टि की जा चुकी थी।

    मगर अनिश्चितता को दूर करते हुए पुतिन ने अपने चुनावी अभियान की शुरुवात की, अपने विरोधियों कों दरकिनार करते हुए 75 प्रतिशत वोटों से जीत दर्ज की।

    आपको बतादे रशिया में टीव्ही, मीडिया, प्रेस सभी सरकार द्वारा चलाये जाते हैं और चुनावी अभियान में लोगों की राय बनाने में सभी मीडिया एक अहम किरदार अदा करते हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले अलेक्सेई नवलनी का गिरफ्तार किया जाना और चुनावी नतीजों के बाद उन्हें रिहा किया जाना यह घटनाएँ संदेहास्पद जरुर हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *