दो सालों में एक बार आयोजित किए जानेवाले 19 वें भारत-रशिया शिखर वार्ता में हिस्सा लेने रशियन राष्ट्रपति कल रात भारत पहुंचे। नई दिल्ली के एअरपोर्ट पर उनका स्वागत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 19वें भारत-रूस शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच रक्षा, यह वार्ता का एहम मुद्दा रहेगा। दोनों नेता अफगानिस्तान में शांति के लिए एक साथ काम करने पर भी विचार विमर्श करेंगे, जिसपर इस साल सोची में हुयी अनौपचारिक वार्ता में दोनों नेताओं ने सहमती दर्शायी थी। रशिया के पाकिस्तान से बढती करीबी और उसका भारत-रूस के रिश्तों पर पड़ता असर इस विषय में भी चर्चा की जाएगी।
Welcome to India, President Putin.
Looking forward to our deliberations, which will further enhance India-Russia friendship. @KremlinRussia_E pic.twitter.com/IlGwRrXgAK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2018
चीन जैसे रूस भी पाकिस्तान को आतंकवाद का शिकार मानता हैं, भारत चाहता हैं की रूस अपना विचार बदले। कुछ देश आतंकवाद के शिकार होते हैं, और कुछ खुद अपने नागरिकों को आतंकवाद का शिकार बनाते है और वही देश इन आतंकवाद संगठनों को बनाकर उनका इस्तेमाल दुसरे देशों के विरोध में करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सोची में रशियन राष्ट्रपति के निमंत्रण पर जब पीएम मोदी अनौपचारिक बिठाक में हिस्सा लेने गए थे, तब दोनों नेताओं ने एक साथ समय बिताया हैं। जिससे दोनों नेताओं में अच्छी दोस्ती कायम हुई हैं। दोनों नेता चाहते हैं की दोनों देशों के बीच को संबंध हैं, वे अधिक दृढ़ हो और विकास हों।
विदेश मंत्रालय के आधिकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच ईरान न्यूक्लियर डील से अमेरिका का बिना किसी चेतावनी के हटाना और ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों लादना इस विषय पर भी चर्चा होने की उम्मीद हैं।