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    रूस और तुर्की

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्दोगन ने 6 जुलाई को फ़ोन पर एस 400 रक्षा प्रणाली के सप्लाई पर चर्चा की थी। क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि इस प्रक्रिया को अमल में लाया जा चुका है। अमेरिका और तुर्की के बीच रूस से सौदेबाज़ी के कारण मतभेद चल रहे हैं।

    अमेरिका ने कहा कि “रूस से मिसाइल बैटरी खरीदने पर अमेरिका के प्रतिबंधों की मार झेलने पड़ सकती है। अंकारा के लिए रक्षा प्रणालियों का पहला स्टॉक कुछ हफ्तों में डिलीवर होना शुरू हो जायेगा।” अमेरिका ने तुर्की को धमकी दी थी कि वह रूस से एस-400 रक्षा प्रणालियों को न ख़रीदे, नहीं तो तुर्की को एफ-35 विमानों के कार्यक्रम से अलग कर देंगे।

    वांशिगटन ने कहा कि अगर तुर्की 31 जुलाई तक एस 400 कर समझौते को नहीं त्यागता है तो अंकारा को एफ 35 लड़ाकू विमान खरीदने से रोक दिया जाएगा और अमेरिका में मौजूद समय मे प्रशिक्षण ले रहे तुर्की के पायलटों को वापस भेज दिया जाएगा।

    इस समझौते से तुर्की के नाटो सहयोगियों की भौहे चढ़ गई थी और वांशिगटन को भड़का दिया था। अमेरिका ने तुर्की को पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का विकल्प दिया था।

    अलबत्ता तुर्की इस समझौते के लिए प्रतिबद्ध रहा था। एर्डोगन ने इस माह के शुरुआत में कहा था कि “रूस के साथ समझौता हो चुका है और अब इसमे कोई बदलाव नहीं होगा। एस-400 के समझौते से पलटने का कोई सवाल ही पैदा ही नहीं होता है। यह समझौते हो चुका है। तुर्की और रूस मिलकर एस-500 रक्षा प्रणालियों का उत्पादन करेंगे।”

    तुर्की को रूस एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली डिलीवरी जुलाई मे करेगा। रुसी न्यूज़ एजेंसी ने के रूस के हथियार निर्यातक के प्रमुख रोसोबोरोनेक्सपोर्ट हवाले से बुधवार को कहा था।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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