कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के रवैये में बदलाव चाहता है तो उसे भी अपने पड़ोसी देशों के प्रति बर्ताव में परिवर्तन का परीक्षण करना चाहिए।
पूर्व वित्तमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर एक परिचर्चा के दौरान बोल रहे थे।
‘बियांड पॉलिटिक्स : डिबेटिंग ए न्यू सिक्योरिटी मेनिफेस्टो’ विषय पर परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश एक दूसरे को बुरा बताते रहेंगे तो हालात में कभी सुधार नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “हमें पाकिस्तान को उसके बर्ताव में बदलाव लाने को प्रेरित करना होगा जिसका मतलब यह है कि हमें पाकिस्तान के प्रति अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले प्रधानमंत्रियों ने कहा कि हम अपने मित्र बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।
उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान भारत को बुरा कहता है तो भारत भी बदले में पाकिस्तान को बुरा कहता है। दोनों देशों की यही रिवायत है। हम सीमा विवादों और घुसपैठ को कभी खत्म नहीं कर सकते हैं।”
मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा कि जो बताया जा रहा है जमीनी हकीकत उससे अलग है।
उन्होंने कहा, “हम ‘मजबूत नेता’, मजबूत सरकार और ताकतवर नीति जैसे मुहावरों से मंत्रमुग्ध हैं, लेकिन इसका असली परीक्षण जमीनी हकीकत से होता है।”
उन्होंने कहा, “हमने 2018 में पिछले 15 साल में ज्यादा घुसपैठ देखा। 2018 में घुसपैठिए पहले से ज्यादा सफल रहे और नागरिक व सेना ज्यादा हताहत हुए। इसलिए आप कैसे दावा करते हैं कि ये नीतियां सफल रहीं।”