भारत के स्टार शटलर पीवी सिंधु जो हाल ही में वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब जितने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी था, उन्होने स्वर्ण पदक जीतने के बाद इस पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्हें इस खिताब से पहले लगातार सात फाइनल मुकाबलो में मात मिली थी, जिसके बाद उनकी सफलता की कमी में लगातार सवाल उठाए जा रहे थे।
सिंधु ने कहा ” मैं बहुत खुश हूं कि मै यह टूर्नामेंट जीतने वाली पहले भारतीय खिलाड़ी बनी हूं। यह पहली बार हुआ है जब मैंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है, इससे पहले मैं सात बार फाइनल मुकाबला खेल चुकी हूं, लेकिन हमेशा मुझे रजत पदक से ही संतुष्ट रहना पड़ा था। कई लोगो ने मुझसे पूछा था, ” फाइनल मुकाबलो में क्यो हो जाता है?”, लेकिन मैं अब सबको बताना चाहती हूं इस बार मैनें गोल्ड मेडल जीता है।”
सिंधु का वर्ल्ड टूर फाइल्स में फाइनल मुकाबला परिचित दुश्मन नोजोमी ओकुहारा के साथ हुआ था। ओकुहारा ने इस मुकाबले में भी सिंधु को कठिन लड़ाई दी, लेकिन सिंधु के सकारात्मकता और एकाग्रता को देखकर वह फाइनल मुकाबला नही जीत पायी।
“जैसे ही मैच शुरु हुआ, मैंने शुरुआती मिनटो में लीड ली थी, लेकिन नोजोमी ने इसके बाद दोबारा खेल में वापसी की। एक समय था जहां स्कोर 15-15, 16-16 था। उसके बाद मेरे ऊपर दबाव आया क्योंकि इससे पहले मैंने लीड बना रखी थी और विपक्षी खिलाड़ी ने उसे बराबरी पर ला दिया। लेकिन मैनें इसे सकारत्मक के साथ लिया और मैच में अगले शार्ट के लिए ध्यान केंद्रित किया, क्योंकि हर एक अंक बहुत महत्वपूर्ण था।”
“हम दोनो एक दूसरे का खेल बड़ी अच्छी तरीके से जानते है, इसलिए कोर्ट में जाकर तुरंत रणनिति बनना आसान नही था। दबाव बढ़ता रहता है और यही वह लम्हा होता है जहा हम प्वाइंट देते है। लेकिन इसके बावजूद मैंने बस अपना ध्यान अपने खेल में दिया औऱ जीत हासिल करने में कामयाब रही।”
सिंधु अब आने वाले साल की प्रतियोगिताओ के लिए बहुत उत्साहित है, क्योंकि वही से 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए वह क्वालिफाई कर पाएगी। उनका लक्ष्य है कि वह अपने आने वाले मुकाबले के लिए फिट और तंदरुस्त रहे।