पीवी सिंधु का मलेशिया ओपन 2019 के अभियान का एक निराशाजनक अंत हुआ जब वह गुरुवार को कोरिया की सुंग जी ह्यून से लगातार तीसरी बार हारी।
एक के बाद एक गलतिया, कम आत्मविश्वास और शारीरिक हाव – भाव – ये सब चीजे मलेशिया ओपन के राउंड-16 में सिंधु की हार को परिभाषित करती है।
यह बहुत निराशाजनक था कि सिंधु को मलेशियन ओपन में सुंग जी ह्यून से एक और मैच में हार का सामना करना पड़ा। कोरिया की यह खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में नबंर-10 पर है जबकि सिंधु छठे स्थान पर है। फिर भी, सिंधु दूसरे गेम में एक शौकिया की तरह खेली।
सिंधु को 43 मिनट के इस मैच में ह्यून से 18-21, 7-21 से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले 2019 आल इंग्लैंड चैंपियनशिप और 2018 होंग-कोंग ओपन में भी सिंधु को कोरिया खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा था।
गुरुवार को खेले गए मैच में पहले सेट में सिंधु ने अच्छा खेल दिखाया था लेकिन दूसरे मैच में ऐसा लग रहा था कि सिंधु ने हार मान ली है। क्योंकि आखिरी के 11 अंको में से 10 कोरियाई खिलाड़ी ने अपने नाम किए थे। जिसके बाद सुंग जी ह्यून ने मलेशियन ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली।
सिंधु कहा गलत चले गई-
क्या सिंधु ने अपनी पिछली गलतियों से कुछ सीखा?
सुंग जी ह्यून की रणनीति सिंधु के खिलाफ गुरुवार को सामान्य दिखी जो उन्होने एक महीने पहले बर्मिंघम में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में दिखाई थी।
सिंधु और ह्यून इससे पहले आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में 6 मार्च, 2019 को आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के पहले राउंड में भिड़े थे। सुंग जी उस दिन सिंधु के खिलाफ नए जोश के साथ आए थे – कुछ ताजा स्ट्रोक, एक अधिक ठोस बचाव के साथ दिखी और बड़े सहज तरीके से मैच खेल रही थी। सिंधु सुंग जी के धैर्य के जाल में फंस गई थी। गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिली था और सिंधु ने बहुत गलतिया की थी।
रेखा के पास गिरने वाली शटल का सिंधु अंदाजा नही लगा पाती
पीवी सिंधु की एक बड़ी कमजोरी है – उनकी लाइन का फैसला। बार-बार, सिंधु अपनी लाइन कॉल में कई त्रुटियां करती हैं। वह सर्किट पर हॉक आई चुनौती देने वालो में भी अच्छी नही है।
गुरुवार का मैच सिंधु का लिए गलतियो से भरा रहा। सिंधु ने न केवल शॉट्स के साथ अपनी खुद की रेखा को फहराया, उन्होंने मान लिया कि सुंग जी के शटर बाहर जा रहे हैं। वह सिर्फ बहाव का न्याय नहीं कर सकती थी।
सिंधु को अपनी लाइन-कॉल पर बेहतर होने की जरुरत है।
एक खराब शारीरिक हाव-भाव
यदि सिंधु की त्रुटियों ने उनके रैकेट से मैच को फिसलने दिया, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज ने मैच को खो दिया इससे पहले की शटल उनके हथियार को छूए।
सिंधु ने पहले मैच में अच्छी प्रतिस्पर्धा की लेकिन आखिरी में सुंग जी ह्यून ने कुछ अच्छे स्ट्रोक लगाकर मैच को अपने नियंत्रण से बाहर नही जाने दिया।