जहां ट्विटर और स्नैपचैट ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर राजनीतिक विज्ञापनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने तो हर प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं फेसबुक ने कोई निर्णय नहीं लिया है और इसका कारण है अरबपति निवेशक और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप के समर्थक पीटर थील, जिन्होंने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को सलाह दी है। द वाल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, फेसबुक के बोर्ड के सदस्य थील ने ही जुकरबर्ग को राजनीति विज्ञापनों का फैक्ट चेक (सत्यता परीक्षण) नहीं करने के लिए कहा है, जिससे बोर्ड के अन्य सदस्य नाराज हो गए।
पेपल के संस्थापक थील ने कथित रूप से फेसबुक विवादास्पद नीति अपनाने के लिए कहा। थील ने सबसे पहले सितंबर में राजनीतिक विज्ञापनों को फैक्ट चैक के दायरे से बाहर रखने के लिए कहा।
कंजर्वेटिव्स ने फेसबुक और अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है।
फेसबुक के अनुसार, प्लेटफॉर्म के संबंध में हमारे कई फैसले मुश्किलों के साथ आ रहे हैं और हम हर स्तर पर उनसे निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “अलग-अलग अनुभवों और दृष्टिकोण के बोर्ड सदस्यों को पाने के लिए हम खुश किस्मत हैं, जिससे हर प्रकार के विचारों पर चर्चा सुनिश्चित हो सके।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जुकरबर्ग और थील के लिए डिनर का आयोजन किया था।
यह बैठक जुकरबर्ग के हालिया वाशिंगटन दौरे पर हुई थी जब फेसबुक के नए क्रिप्टोकरंसी लाइब्रा के संबंध में पूछताछ के लिए कांग्रेस के सामने पेश होना पड़ा था।
फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि डिनर पर ट्रंप, थील और जुकरबर्ग ने किन मुद्दों पर चर्चा की थी।
फेसबुक ने अपने थर्ड पार्टी फैक्ट चैक कार्यक्रम में राजनीतिक विज्ञापनों को हटा दिया है। फेसबुक ने तर्क दिया है कि फेक न्यूज और गलत जानकारियों के खिलाफ उसके प्रयास दुनियाभर में राजनेताओं पर लागू नहीं होते।