पिछले पांच वर्षों में भारतीय नागरिकता ( Indian Citizenship) को पाने वाले 87 प्रतिशत आवेदक पाकिस्तान से है, इस बात का खुलासा इंडिया टुडे द्वारा फाइल की गयी Right To Information (RTI) के जवाब में हुआ है।
गृह मंत्रालय ने जवाब में बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5220 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है, जिसमें 4552 (87%) नए नागरिक पाकिस्तान से हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के अनुसार, जिन्होंने पिछले साल नवंबर में लोकसभा को सूचित किया था, पिछले पांच वर्षों में छह लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी। नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया कि हाल के पांच वर्षों में 2017 से 2021 (10 सितंबर तक) में 6,08,162 लोगों ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है।
हर साल औसतन 1,21,632 लोग अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ देते हैं, लेकिन पिछले पांच सालों में सिर्फ 1044 लोगों ने इसे लिया है। इससे पता चलता है कि कुल सेवन कुल ब्रेन ड्रेन (Brain Drain) का लगभग 1% है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ( United States of America) में नागरिकता भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प है। रिवर्स माइग्रेशन भी होता है, हालांकि बहुत छोटे पैमाने पर।
पिछले 5 वर्षों में केवल 71 अमेरिकी नागरिकों ने भारतीय नागरिकता लेने का विकल्प चुना। इसके विपरीत, शीर्ष तीन देश जिनके निवासियों को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) मिली, वे हैं पाकिस्तान (87%), अफगानिस्तान (8%) और बांग्लादेश (2%)।
पिछले पांच सालों में सिर्फ 2021 तक एक हजार से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिकता मिली। इस साल 1745 भारतीय नागरिकता दी गई है, जिसमें से 1580 आवेदक पाकिस्तान से थे।