पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर (POK) में चीन पाक आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना से सम्बंधित प्रोजेक्ट पाकिस्तान (Pakistan) के अर्थव्यवस्था के लिए इंजन बनेगे। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व राजदूत सरदार मसूद ने मंगलवार को किया है। उन्होंने कहा कि इसे अमल में लाने के लिए व्यापक रणनीति की जरुरत है।
सैदार महमूद एक यूनिवर्सिटी के “स्पेशल इकोनॉमिक जोन-फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट एंड पोटेंशियल” को सम्बोधित कर रहे थे। पूर्व राजदूत ने कहा कि “सीपीईसी के चार में एक आर्थिक प्रोजेक्ट पीओके में हैं। दो अन्य प्रोजेक्टों की शुरूआती योजना समाप्त हो चुकी है।
खान ने कहा कि “मनशेरा-मुज़फ़्फ़राबाद-मंगला-मीरपुर हाईवे का कार्य पूरा हो चुका है जो खैबर पख्तूनवा को पीओके से जोड़ता है और यह अगले वर्ष शुरू होगा। सीपीईसी के तहत नौ एसईज़ेड समूचे पाकिस्तान में बनाये जायेंगे इसमें एक पीओके के मीरपुर में भी शामिल है।
इस क्षेत्र में प्रोजेक्ट के लिए 1185 एकड़ जमीन की पहचान की जा चुकी है और इसका अधिग्रहण दो चरणों मे किया जायेगा। पहले चरण में विवादित क्षेत्र 571 एकड़ को लिया जायेगा और शेष का अधिग्रहण अगले चरण में किया जायेगा। खान ने कहा कि पीओके में एसईज़ेड के पर्यावरणीय अध्यन्न, टोपोग्राफिक सर्वे और अन्य तकनीकी फॉर्मलिटीज को पूरा किया जा चुका है और इसे चीनी विभाग के सुपुर्द किया जा चुका है।
बोर्ड ऑफ़ इंवेस्टनेंट को भी विवादित क्षेत्र में पाकिस्तानी सरकार ने स्थापित किया है ताकि स्थानीय और विदेशी निवेशकों को लुभाया जा सके। हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के खिलाफ नियमित प्रदर्शन को पीओके में पाकिस्तानी सरकार ने कुचला है। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक यह प्रोजेक्ट क्षेत्र में समृद्धता की बजाये लोगो की जिनदियों को मुहाल कर देगा। कई लोगो को अन्य क्षेत्रों में विस्थापित होने के लिए मज़बूर किया गया है।
पूर्व राजदूत ने कहा कि “एसईज़ेड को बगैर रूकावट प्राकृतिक संसाधन और बिजली की सप्लाई का कार्य जारी है।” इसके लिए एक सूखा बंदरगाह स्थापित किया गया है और ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू किया गया और दीना, झेलम और मीरपुर के बीच रेलवे लिंक का निर्माण किया गया था।