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    भारत पाकिस्तान सेना

    पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने का निर्णय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने किया हैं। पाकिस्तान सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारीयों के साथ राजधानी इस्लामाबाद में की गयी मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री अब्बासी ने यह निर्णय लिया हैं।

    पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, “प्रधानमंत्री अब्बासी के अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्यूरिटी कमीशन की बैठक में (पाक-अधिकृत) कश्मीर और गिलगित बल्तिस्तान को प्रशासनिक और आर्थिक स्वायत्तता देने का निर्णय लिया गया हैं। इस बैठक में सरकार और पाक सेना के आला अधिकारी, पाकिस्तान के तीनो दलों के प्रमुख और आईइसआई के डायरेक्टर ने भी शिरकत की थी।”

    आपको बता दे, चीन का महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा(सीपीईसी) पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता हैं, जिसको लेकर भारत कई बार अपनी चिंता प्रकट कर चूका हैं।

    पाकिस्तान, गिलगित-बल्तिस्तान के विशिष्ट भौगोलिक प्रदेश( स्पेशल ज्योग्राफिकल एंटिटी) मानता हैं, पिछले दिनों पाकिस्तान सरकार गिलगित-बल्तिस्तान को 5वे राज्य का दर्जा देने की बात कर चुकी हैं।

    अधिक स्वायत्तता के अंतर्गत गिलगित-बल्तिस्तान को 5 साल के टैक्स में छुट दी जाएगी, जिससे प्रदेश का विकास पाकिस्तान के अन्य राज्यों की तरह हो।

    सूत्रों के मुताबित गिलगित-बल्तिस्तान के संवैधानिक दर्जे को लेकर चीन अपनी चिंता जाहिर कर चूका हैं, जिसकी वजह से पाकिस्तान सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। पाक मीडिया के अनुसार पाकिस्तान सरकार जल्द ही गिलगित-बल्तिस्तान को संवैधानिक दर्जा देने की प्रक्रिया पूरी कर देगी जिससे, गिलगित-बल्तिस्तान आधिकारिक रूप से पाकिस्तान का पांचवा राज्य बन जाएगा।

    नेशनल सिक्यूरिटी कमीशन की बैठक में फाटा(फेडरली एडमिनस्टर्ड ट्राइबल एरिया) का खैबर पख्तूनख्वा में विलय किया जाए, जिससे प्रदेश में प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था को सुधार जाएगा।

    पाकिस्तान सरकार के गिलगित बल्तिस्तान को विशेष स्वायत्तता और राज्य का दर्जा देने के फैसले का भारत पर असर जरूर पड़ेगा, भारत कश्मीर(भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर, पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित बल्तिस्तान) को भारत का अटूट हिस्सा मानता हैं। पाक सरकार के इस निर्णय से भारत पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव अधिक बढने की उम्मीद हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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