भारत ने स्थित रुसी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि “वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, आर्डर ऑफ़ सेंट एंड्रयू द अपोस्टल से नवाजेगा।” यह पुरूस्कार उन दिग्गजों को दिया जाता है जो रूस के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का योगदान देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सम्मान भारत और रूस की दोस्ती को मज़बूत करने के लिए दिया जायेगा। रूस के दूतावास ने बयान में कहा था कि 12 अप्रैल को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भारत के प्रधानमंत्री को सम्मानित करने का फैसला सरकार ने लिया है।
On April 12, @narendramodi was decorated with the Order of St Andrew the Apostle for exceptional services in promoting special & privileged strategic partnership between 🇷🇺 and 🇮🇳 and friendly relations between the Russian and Indian peoples.@mfa_russia @MEAIndia @IndEmbMoscow pic.twitter.com/jUFt5aawxw
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) April 12, 2019
इस पुरूस्कार को देने की शुरुआत 17 वीं शताब्दी के अंत में तत्काली सम्राट जार पीटर प्रथम ने की थी। हालाँकि इस सामन को देना साल 1917 में क्रांति के बाद खत्म कर दिया था, लेकिन जुलाई 1998 में रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने दोबारा उस पुरूस्कार की शुरुआत कर दी थी।
अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में पीएम मोदी को यह सातवां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिला है। एक सप्ताह पूर्व पीएम मोदी को संयुक्त अरब अमीरात के के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जायेद मॉडल से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी थी। इसके आलावा पीएम मोदी को यूएन के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ’ अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।
बीते फरवरी में उन्हें पीएम मोदी को दक्षिण कोरिया के सीओल शान्ति पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। उन्हें यह सम्मान भारत आर्थिक वृद्धि में योगदान और विश्व को ‘मोदिनोमिक्स’ के मंत्र से नफा पहुँचाने के लिए दिया गया है।
सीओल पीस प्राइज के वितरण की शुरुआत साल 1990 में हुई थी। यह कोरियाई पेनिन्सुला में लोगों के बीच और समस्त विश्व में शांति बनाये रखने का एक प्रयास है। यह कोरियाई गणतंत्र सीओल में 24 वें ओलम्पिक खेलों की सफलता पर आयोजित किये गये थे।