नरेन्द्र मोदी मालदीव में राजनीतिक संकट के बादल छंटने के बाद नवनिर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने थे। पीएम मोदी ने मालदीव की नवनिर्वाचित सरकार को भारत की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया ताकि मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह मालदीव की आवाम से किये वादों को पूरा कर सके।
मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के पश्चात् पीएम मोदी और राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने बातचीत की थी। साझा प्रेस बयान में बताया कि इब्राहीम सोलिह ने मालदीव के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की है। दोनों राष्ट्रों के नेताओं ने भारत और मालदीव के मध्य दोबारा विश्वास बहाल करने और दोनों राष्ट्रों के बीच दोस्ती व सहयोग के बढाने की बात कही थी।
राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि वह भारत और अन्य शेत्रिय साझेदारों के साथ मालदीव के रिश्ते दोबारा मज़बूत करेंगे। उन्होंने कहा कि मालदीव हिन्द महासागर में शांति और स्थिरता कायन रखने के लिए अहम किरदार निभायेगा। साझा प्रेस वार्ता में भारत और मालदीव के प्रमुखों ने हिन्द महासागर में सुरक्षा और शांति को मत्वपूर्ण बताया था।
राष्ट्रपति सोलिह ने पीएम मोदी को मालदीव की आर्थिक हालात के भी रूबरू कराया था। उन्होंने कहा कि मालदीव की पूर्व सरकार ने केवल राजनीतिक फायदे के लिए विशाल विकास प्रोजेक्ट का निर्माण करने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और गबन के कारण मालदीव के खजाने से स्थानीय मुद्रा करोड़ों रूफिया को बर्बाद किया गया है।
प्रेस ब्यान के मुताबिक पीएम मोदी और इब्राहीम सोलिह ने मालदीव के विकास में भारत के सहयोग करने के तरीके को लेकर चर्चा की थी। राष्ट्रपति सोलिह ने हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरुरत के बारे में पीएम मोदी को बताया था। जारी बयान के अनुसार भारत ने मालदीव में हर संभव आर्थिक और सामाजिक मदद करने की प्रतिबद्धता दिखाई है।
भारत की कंपनियों का मालदीव के विभिन्न क्षेत्र में निवेश का पीएम मोदी ने स्वागत किया था। साथ ही दोनों राष्ट्रों ने ने वीजा नीति में ढिलाई बरतने पर भी सहमती जताई थी। साथ ही दोनों राष्ट्रों ने सहयोग को बढाने और क्षेत्रीय आतंकवाद को खत्म करने का भी वायदा किया था।