चीन, भारत और रूस के नेता इस सप्ताह जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 के सम्मेलन के इतर मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संरक्षणवाद व्यापार निति और भयभीत अभ्यासों से निपटने के तरीको पर चर्चा करेंगे। चीनी राष्ट्रपति की ओसाका की यात्रा से पूर्व चीन के विदेश मामलो के उपमंत्री ज़हाँग जूं ने कहा कि “शी जिनपिंग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सम्मेलन के इतर मुलाकात करेंगे।”
ज़हाँग ने त्रिपक्षीय मुलाकात को बताया और इस वक्त इसके सकारात्मक परिणाम आने की आशा जाहिर की है। बीते वर्ष बुएनोस में आयोजित जी-20 की बैठक में यह त्रिकोणीय मुलाकात हुई थी।
ज़हाँग ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि “ओसाका सम्मेलन के दौरान चीनी नेता, रुस और भारत त्रिकोणीय मुलाकात करेंगे।त्रिकोणीय मुलाकात विकास की ध्वनि की गति को कायम रखेगी। मौजूदा हालातो में तीनो देशों का वैश्विक मामलो पर मज़बूत समायोजन बेहद महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि “हम बहुपक्षवाद का समर्थन करेंगे और संरक्षणवाद का विरोध करेंगे और बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मामलो में सहयोग को गहरा करेंगे ताकि वैश्विक शान्ति में अहम योगदान दे सके। चीन बहुपक्षवाद के लिए अन्य देशों के साथ दृढ़ता से कार्य करेगा।”
चीनी मंत्री ने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और भयभीत करने के अभ्यासों के नतीजों को पूरी तरह से मान्यता दे रहा है।” व्यापार जंग पर शी जिनपिंग की डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात इस सम्मेलन की सबसे अधिकी ध्यान आकर्षित करने वाली मुलाकात होगी।
नरेंद्र मोदी शी जिनपिंग और पुतिन से अलग-अलग भी मुलाकात करेंगे। व्यापर जंग से चीन नुकसान पंहुचाने के बाद ट्रम्प के निशाने पर अब भारत है। इस महीने के शुरुआत में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों के तरजीह वाले दर्जे को खत्म कर दिया था। अमेरिका ने इसकी प्रतिक्रिया पर अमेरिका के उत्पादों पर टैरिफ लागू कर दिया था।
अमेरिका का नाम लिए बगैर चीनी वाणिज्य उपमंत्री वांग शौवेन ने कहा कि ” कुछ देश एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और व्यापार के तरीके पर जोर दे रही है। उस देश ने अपने ही व्यापार साझेदारों पर शुल्क थोपा है और वैश्विक व्यापार,निवेश और आर्थिक वृद्धि को बड़ा झटका दिया है।