पाकिस्तान के नेशनल डे पर इमरान खान और नरेंद्र मोदी के बीच सद्धभाविक संदेशों के आदान-प्रदान का चीन ने इस्तकबाल किया है। चीन ने कहा कि “दोनों राष्ट्रों के मध्य मतभेदों को वार्ता और परामर्श से सुलझाने में सहयोग करेगा और एक रचनात्मक किरदार निभाएगा।”
चीन के विदेश मंत्रक्य के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “हम दोनों देशों के सद्धभाव संदेशों का इस्तकबाल करते हैं। हम दोनों देशों को बातचीत जारी रखने के लिए सहयोग करेंगे और हम रिश्तों को सुधारने, हालातों को स्थिर रखने और मतभेदों को सुलझाने में मदद करेंगे।”
उन्होंने कहा कि “भारत और पाकिस्तान के संबंधों में चीन की स्थिति हमेशा सुसंगत रही है। यह दोनों देश दक्षिणी एशिया के महत्वपूर्ण देश है। चीन दोनों देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बरकरार रखने की उम्मीद करता है और दोनों देशों के मध्य शान्ति वार्ता का प्रचार करने के लिए हम एक रचनात्मक किरदार निभाते रहेंगे।”
Received msg from PM Modi: "I extend my greetings & best wishes to the people of Pakistan on the National Day of Pakistan. It is time that ppl of Sub-continent work together for a democratic, peaceful, progressive & prosperous region, in an atmosphere free of terror and violence"
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 22, 2019
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “पीएम मोदी की तरफ से सन्देश मिला है। मोदी ने लिखा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर मैं पाकिस्तान की आवाम का अभिनन्दन और शुभकामनाएं देता हूँ। यही वक्त है कि उपमहाद्वीप के दो देश लोकतान्त्रिक, प्रगतिशील और समृद्ध क्षेत्र के लिए एकजुट होकर कार्य करें। ऐसे वातावरण में जो हिंसा और आतंक से मुक्त हो।”
भारत और पाकिस्तान सम्बन्ध में पुलवामा आतंकी हमले के बाद खटास आ रखी है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था। हाल ही चीन ने अपने उपविदेश मंत्री को पाकिस्तानी नेताओं के साथ बातचीत के लिए इस्लामबाद भेजा था।
पाकिस्तान उच्चायोग ने 22 मार्च को हुर्रियत के नेताओं को इस समारोह में शरीक होने का आमंत्रण भेजा था। पाकिस्तान हमेशा नेशनल डे में हुर्रियत के नेताओं को आमंत्रित करता रहा है, लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने अपना रवैया सख्त कर दिया है।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।
चीन ने चौथी दफा तकनीकी आधार का हवाला देकर मसूद अज़हर के खिलाफ यूएन में प्रस्तावित प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।