लंदन के वेस्टमिनिस्टर की अदालत ने गुरूवार को भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी को 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया जायेगा। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13500 करोड़ के घोटाले और धनशोधन मामले के आरोप है। दक्षिणी पश्चिमी लंदन के वांड्सवर्थ के जेल से वीडियो के जरिये अदालत की सुनवाई में शामिल हुए थे।
सुनवाई के दौरान मोदी की तरफ क्यूसी क्लेयर मोंट्गोमेरी उपस्थित हुए थे और जज से उनके मुवक्किल को बिना इंटरनेट के लैपटॉप मुहैया करने का आग्रह किया था ताकि वह अपने खिलाफ भारतीय विभागों की 5000 पेजो की याचिका की समीक्षा कर सके।
न्यायाधीश जोहनाथन रडवाय ने कहा कि “उनके आग्रह पर अदालत सब कुछ करेगा कि उनके मामले से सम्बंधित दस्तावेज को मुहैया की जाए जबकि नीरव जेल में कैद है।” इस मामले की आगे की सुनवाई के लिए 25 जुलाई को होगी।
48 वर्षीय नीरव मोदी ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे हैं। उन पर हवाला घोटाला और धोखादड़ी के आरोप भारत सरकार ने लगाए हैं। इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाड़ बीते वर्ष रेड कार्नर नोटिस जारी कर दिया था।
मध्य लंदन में स्थित मेट्रो बैंक ब्रांच से जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद स्कॉटलैंड के अधिकारीयों ने नीरव मोदी को हिरासत में लिया था। वह 19 मार्च को एक नया बैंक अकाउंट खोलने का प्रयास कर रहा था।
नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद भारत ने अदालतों द्वारा पास चार्जशीट, एफआईआर और गैर जमानती वारंट ब्रितानी विभागों के साथ साझा किये थे। अधिकारीयों ने सीपीएस को सूचना दी कि अदालत में नीरव मोदी को आर्थिक आपराधिक भगोड़ा घोषित करने के लिए याचिका दायर की गई है।