सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने बुधवार को खबर दी की उन्होंने अलग अलग धोखाधड़ी के मामलों में राज्य संचालित पंजाब नेशनल बैंक के आठ कर्मचारियों एवं मुंबई स्थित एक निजी कामनी के दो निवेशाको को 1.4 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला
जिन आठ अधिकारियों को CBI ने गिरफ्तार किया है वे अधिकारी ब्रैडी हाउस शाखा से थे जहां नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर 2011 और 2017 के बीच नकली बैंक कर्मचारियों द्वारा जारी नकली बैंक गारंटी का उपयोग करके $ 2 बिलियन से अधिक विदेशी क्रेडिट बनाने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने अदालत के समक्ष दावा किया कि पांच पीएनबी कर्मचारियों ने बैंक की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है, जिससे एक निजी कंपनी, चंडी पेपर के उपक्रम के धोखाधड़ी पत्र जारी किये गए। उन पाँचों कर्मचारियों को CBI ने हिरासत में ले लिया है।
नीरव मोदी की भी यही थी शाखा
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला अरबपति ज्वेलर नीरव मोदी और उनके सहयोगियों से जुड़े एक बड़े केस से बिलकुल अलग है, हालांकि यह बैंक की एक ही शाखा में हुआ था, केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा।
क्या है नीरव मोदी मामला
नीरव मोदी एक भारतीय व्यापारी है, जो 2010 में स्थापित ‘नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड जेवेलरी हाउस’ का संस्थापक है। उसकी इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। नीरव मोदी ‘क्रिस्टी’ और ‘सोथेबीस कैटलॉग’ पत्रिकाओं के कवर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भारतीय जोहरी हैं। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में $1.8 बिलियन के एक धोखाधड़ी मामले में फिलहाल उस पर जांच चल रही है।नीरव मोदी को भारत सरकार ने 11000 करोड रु फ़्रॉड केस में भगोड़ा घोषित किया है। सीबीआई ने उसकी अहमदनगर की फैक्ट्री भी जब्त कर ली है।
इस मामले के उजागर होने से पहले ही नीरव मोदी ने अपने साथी के साथ यह काम करने से इनकार किया एवं भारत छोड़ दिया।