देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा जीएसटी बिल बीती रात को लागू कर दिया गया है। जी.एस.टी. बिल के सुभ आरमंभ की घोषणा राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी अवं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ बटन दबाकर किया। प्रधान मंत्री ने इसे देश के अर्थव्यवस्ता के लिए एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि बताई।
जाहिर है की देश में आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है की आधी रात को संसद का सत्र बुलाया गया था। ऐसे में देश की बड़ी बड़ी हस्तियां इसमें सम्मिलित हुई थी। देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, वित्त मंत्री आदि इसमें शामिल थे। वहीँ दूसरी और, कांग्रेस पार्टी इसमें शामिल नहीं हुई थी।
कार्यक्रम में प्रधान मंत्री मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुए जी.एस.टी. बिल से जुडी हुई लाभ एवं हानि पर चर्चा की। मोदी ने ये भी कहा की जी.एस.टी. बिल सामूहिक परेशाओं की दें है। उन्होंने विरोधी पार्टी कांग्रेस का भी जिक्र किया। मोदी के अनुसार जी.एस.टी. देश के सभी राज्यों एवं केंद्र के सालों से चले आ रहे विचार विमर्श का नतीजा है। मोदी ने सरदार पटेल का उदाहरण देते हुए कहा की जिस तरह पटेल ने सभी रियासतों को मिलकर देश का एकीकरण किया था उसी प्रकार जी.एस.टी. देश की अर्थव्यवस्ता का एकीकरण करेगा।
मोदी ने यह भी कहा की शुरुआत में जी.एस.टी. की वजह से कुछ परेशानियां हो सकती हैं लेकिन धीरे धीरे देशवासियों को इसकी आदत पड़ जायेगी।
इसके बावजूद देश के कई कोनो में इसका बहिस्कार भी किया जा रहा है। देश भर में व्यापारी इसकी आलोचना कर रहे हैं। मुंबई में कपड़ा व्यापारिओं ने हड़ताल की है और चार दिनों के लिए दुकाने बंद करने का फैसला किया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा की किस तरह मोदी सरकार इन व्यापारियों को तसल्ली दे पाती है।