पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे की आधारशीला रखने के समारोह में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा ने खालिस्तान की मांग (भारत से अलग पंजाब) करने वाले नेता गोपाल सिंह चावला से हाथ मिलाया था। पाकितान ने इस मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सेनाध्यक्ष खालिस्तानी नेता का स्वागत कर रहे थे।
गोपाल सिंह चावला सिख आन्दोलन का प्रमुख समर्थक है जो सिखों के लिए एक अलग मुल्क की माँग कर रहा है। हाल ही में लाहौर में स्थित सिख गुरुद्वारे में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को प्रवेश करने से रोक दिया गया था। ट्विटर पर पाक सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की मीडिया का गोपाल चावला से मुलाकात का बवंडर बना रही है, सेनाध्यक्ष बिना पहचान के इस समारोह में उपस्थित सभी मेहमानों से मिले थे।
Screen grabs from Pakistan National broadcaster PTV, Khalistani Gopal Chawla seen with Pakistan Chief of Army Staff Qamar Javed Bajwa during #KartarpuraCorridor inauguration. pic.twitter.com/h0rsBF6oq1
— ANI (@ANI) November 28, 2018
पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि चावला पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का वरिष्ठ नेता है और उसे सिख समुदाय से सम्बंधित सभी जलसों में आमंत्रित किया जाता है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस ने भारत से अलग सिखों के एक मुल्क के लिए 2020 जनमत संग्रह आन्लोदन का आगाज किया था।
एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुर्पन्त्वंत पन्नुन ने कहा कि करतारपुर गलियारे के खुलने से हजारों सिख श्रद्धालु भारत से पाकिस्तान के नानक साहिब की यात्रा कर पाएंगे। इस गलियारे को गुरुनानक की 550 वीं सालगिरह पर खोला जायेगा। भारतीय अधिकारियों ने जनमत संग्रह पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा खेले जा रहे खेल का हिस्सा है और इस पवित्र समारोह का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने मंसूबो को पूरा करने के लिए करता है।
लाहौर में स्थित एसएफजे का ऑफिस में एक अलग राष्ट्र खालिस्तान के लिए मतदान की प्रक्रिया किन्तैयारी की जा रही है ताकि 2020 जनमतसंग्रह किया जा सके। यह समूह पंजाब के 10 हज़ार सिखों की एक सोच्ची तैयार कर रहा है, जो इस खालिस्तानी राष्ट्र के राजदूत बन सके।