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    पाक अधिकृत कश्मीर

    पाकिस्तान में वर्तमान हालात ठीक नहीं कहे जा सकते है। पाकिस्तान में अब सरकार के खिलाफ ही कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे है। बलूचिस्तान में जारी विरोध के बाद अब पाक अधिकृत कश्मीर के हिस्से गिलगित-बल्तिस्तान में इन दिनों पाक सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।

    प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार अपनी बिना आवश्यकता वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे ऊपर कर लगा रही है। ये कर पूरी तरह से अवैध है।

    गिलगित-बल्तिस्तान में पिछले कई दिनों से पाक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है। दरअसल इस क्षेत्र के लोग पाकिस्तान की सरकार द्वारा लगाए गए अनैतिक व गैरकानूनी करों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे है।

    प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार ने अभी तक गिलगित-बल्तिस्तान के बारे में संवैधानिक स्थिति निर्धारित नहीं है। इसे निर्धारित किए बिना ही गिलगित-बल्तिस्तान पर अनावश्यक कर लगाना अनुचित व अनैतिक है।

    प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक पाक सरकार सभी तरह के करों को वापस नहीं लेती है तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

    पाक का रवैया भेदभावपूर्ण व सौतेला

    पाकिस्तान अपने गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व सौतेला व्यवहार अपनाता है। पाकिस्तान राजस्व के संघीय बोर्ड ने इस क्षेत्र पर भारी करों को लगाया है। इतना ही नहीं यहां के पाक अधिकारियों ने प्राप्त राजस्व को लूटा है।

    जिसके चलते यहां के लोगों के मन में पाक अधिकारियों के खिलाफ व्यापक असंतोष है। पाकिस्तान ने गिलगित-बल्तिस्तान के लोगों के प्रति दमनकारी दृष्टिकोण अपना रखा है। साथ ही यहां की बुनियादी मांगों को भी नजरअंदाज करता है।

    इसी वजह से लोग पाक सरकार का विरोध कर रहे है। विरोध-प्रदर्शन की वजह से गिलगित-बल्तिस्तान के प्रमुख बाजार, व्यापारिक केन्द्र, निजी एवं सरकारी कार्यालयों सहित परिवहन के साधन पूरी तरह से बंद रहे। जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

    कई दिनों से चल रहे प्रदर्शन की वजह से गिलगित-बल्तिस्तान के लोगों को आम आवश्यकताओं की चीजें उपलब्ध नहीं हो पा रही है। व्यापारियों ने साफ तौर पर पाकिस्तान सरकार को कहा है कि वे उनके द्वारा लगाए गए टैक्सों का भुगतान कतई नहीं करेंगे।

    वकीलों ने किया अदालत का बहिष्कार

    विरोध करने वाले लोग कह रहे है कि गिलगित-बल्तिस्तान की संवैधानिक स्थिति स्पष्ट किए बिना सरकार की तरफ से कर लगाना कतई भी उचित नहीं है। सरकार को इन्हें वापिस लेना होगा।

    प्रदर्शनकारियों ने बैनर, तख्तियों व पोस्टरों के जरिए सरकार का विरोध किया और अपनी मांगो को रखा। इन प्रदर्शनकारियों का साथ वकीलों ने भी दिया। यहां पर वकीलों ने अदालत का बहिष्कार करते हुए कहा कि जब तक सरकार मांगे नहीं मान लेती ये बहिष्कार जारी रहेगा।