ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन के परिसर में सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने अपना भाषण दिया था और इस दौरान भारतीय मीडिया को बैन कर दिया था। इस आयोजन में भारतीय मीडिया का आना वर्जित था। कश्मीर पर इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन का मकसद कश्मीरी जनता के प्रति समन्वय भाव को प्रदर्शित करना था।
कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद और पाक अधिकृत कश्मीर में जन्मे रहमान चिश्ती ने इन आयोजन का नेतृत्व किया था और इसका आयोजन आल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑन पाकिस्तान ने किया था। इस सम्मेलन में पाकिस्तानी मूल के ब्रितानी सांसद शामिल थे, इसमे खालिद महमूद और बैरोनेस सईदा थी। ब्रिटिश सिख लेबर पार्टी के सांसद तान दाशी उनमें भारतीय मूल के लोगों में से एक थे, जिन्होंने इस आयोजन में शिरकत की थी।
इस सम्मेलन का आयोजन कश्मीर सॉलिडेरिटी डे यानी 5 फरवरी को आयोजित किया गया था। मंगलवार को अलगाववादी समुदाय द्वारा पार्लियामेंट स्क्वायर में रैली निकालने की योजना है। इसकी प्रतिक्रिया में ब्रिटेन के निवासी कश्मीरी हिन्दू बीबी एक रैली का आयोजन करेंगे।
इंडो-यूरोपियन कश्मीरी फोरम ने कहा कि ब्रिटेन के हिन्दू इस रैली का विरोध करते हैं और यह खतरनाक और कश्मीरी हिंदुओं के लिए उनके गृह इलाके में वापस जाने में समस्या उत्पन्न कर सकती है।
ब्रिटेन के उच्चायोग ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी की लन्दन का दौरा अनाधिकारिक है और ब्रितानी सरकार से मुलाकात की कोई योजना नहीं है। ब्रिटेन अपनी स्थिति पर कायम है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर कश्मीर में हालातों में स्थिरता के लिए एक अंतिम राजनीतिक समाधान निकालना चाहिए।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोहम्मद सोहेल को कहा कि “पड़ोसी मुल्क के ऐसे कदम भारत के अंदरूनी मामले में दखलंदाजी है।” विजय गोखले ने राजदूत से कहा कि “ऐसी खेदजनक कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करती है, बल्कि पाकिस्तान के खुद के मानकों का भी।” विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि “पाकिस्तानी विदेश मंत्री की ऐसी कार्रवाई सीधे भारतीय आन्तरिक मसलों में हस्तक्षेप है।