पाकिस्तान के उच्चायुक्त मेजर जनरल शाहिद अहमद हशमत ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना को कॉल किया था और उन्हें जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बाबत बताया था। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने बयान में कहा कि हशमत ने बुधवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने मीटिंग के दौरान सिरिसेना को भारत के कथित गैर कानूनी और एकतरफा कार्रवाई के बारे में बताया था।
भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था जो इस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। पाकिस्तानी राजदूत ने सिरिसेना को सूचित किया कि यूएन सुरक्षा परिषद् के जम्मू कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय कानून के उलट कदम उठाये हैं।
पाकिस्तानी राजदूत के बताने के बाद सिरिसेना से भारत और पाकिस्तान पर किसी प्रकार का बयान देने से बचे हैं। उन्होंने कहा कि “भारत और पाकिस्तान का श्रीलंका के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध है और देश का हित क्षेत्र के सहयोग और दोस्ती में वृद्धि को देखना है।”
पाकिस्तान का मकसद भारत के आंतरिक मामले श्रीलंका को दखलंदाजी करने के उकसाना है। इस्लामाबाद निरंतर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में घसीटना चाहता है। जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था।
पाक ने बीते हफ्ते विदेश मंत्री को चीन की यात्रा पर भेजा था ताकि उनकी मदद से यूएन की एक तत्काल बैठक को बुलाया जा सके। यूएन की बैठक में पांच में से चार सदस्य देशो ने पाकिस्तान के पक्ष का समर्थन नहीं किया था और इससे बैठक में चीन और पाकिस्तान अलग थलग पड़ गए थे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कश्मीर पर भारत के खिलाफ कूटनीतिक चाल चलने की कोशिश की थी और अपने फ्रांस के समकक्षी जीन यवेस ले द्रियन से फ़ोन पर बातचीत की थी और सुरक्षा परिषद् के सदस्य होने के नाते फ्रांस से कश्मीर में शान्ति को सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।