पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से फ़ोन पर बातचीत की थी। बोल्टन नें इसकी जानकारी ट्वीट करके दी। उन्होंने अमेरिकी मंत्री से क्षेत्रीय हालातों के बाबत बातचीत की थी। इसके इतर अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात की थी।
विजय गोखले तीन दिवसीय पर वंशिगटन गए हैं। जम्मू -कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के किसी वरिष्ठ अधिकारी की यह पहली अमेरिकी यात्रा है। पाकिस्तान विदेश विभाग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस फ़ोन कॉल का मकसद जॉन बोल्टन को हालिया क्षेत्रीय विकास पर पाकिस्तान के परिप्रेक्ष्य के बाबत जानकारी मुहैया करना था।
फोन पर वार्ता के शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “26 फरवरी को भारत की आक्रमकता पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता के साथ ही यूएन चार्टर का भी उल्लंघन था। 27 फरवरी को पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई बाहरी आक्रमकता के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए थी। उन्होंने बोल्टन बताया कि पाकिस्तान ने तनाव को कम करने के लिए कई कदम उठाये थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय पायलट अभिनन्दन वर्तमान को भी रिहा कर दिया था।”
जॉन बोल्टन ने कहा कि “वह भारत और पाकिस्तान से जुड़े विकास पर करीबी से निगाह बनाये हुए हैं। साथ ही दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय हालात न खराब होने को सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के नेतृत्व के संपर्क में हैं। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा तनाव को कम करने के प्रयासों की सराहना की और दोनों पक्षों से संयमता बरतने का आग्रह किया था।”
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करने का वादा किया था। अमेरिकी उप प्रवक्ता रोबर्ट पालडिनो ने बयान में कहा कि “माइक पोम्पिओ और विजय गोखले ने पुलवामा आतंकी हमले दोषियों को सज़ा दिलवाने की महत्वता पर चर्चा की और पाकिस्तान द्वारा उसकी सरजमीं पर पनाहगार आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तत्कालिता के बाबत बातचीत की थी।”
अमेरिका से मजबूत सम्बन्ध चाहता है पाकिस्तान
अमेरिकी मंत्री से बात करने के बाद शाह महमूद कुरैशी नें कहा कि आने वाले समय में पाकिस्तान और अमेरिका के सम्बन्ध और बेहतर होने जा रहे हैं।
डॉन अखबार ने कुरैशी के हवाले से कहा कि “हमारी सफल विदेश पॉलिसी के कारण दोनों देशों के मध्य रिश्तों में सुधार आ रहा है। अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में यू टर्न आने वाला है। दोहा में अमेरिका और तालिबान की शान्ति वार्ता जारी है और इससे सकारात्मक नतीजे निकलने की सम्भावना है।”
जाहिर है पाकिस्तान की आर्थिक हालत इस समय काफी कमजोर है। उसके ऊपर से पाकिस्तान पर एफएटीएफ और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं का दबाव भी है। इन संस्थाओं में अमेरिका का काफी दबदबा है, ऐसे में पाकिस्तान को लगता है कि अमेरिका से सम्बन्ध अच्छे करने से उसकी आर्थिक स्थिति पर फर्क पड़ सकता है।