पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् को पत्र लिखकर भारत पर क्षेत्रीय स्थिरता के खतरे का आरोप लगाया है। इससे एक दिन पूर्व ही यूएन ने पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद का नाम लेकर पुलवामा आतंकी हमले की निन्दा की थी।
क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है भारत
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान पर भारत बगैर सबूत के आरोप लगा रहा है। यह अति आवश्यकता का समय है, मैं आपका ध्यान भारत द्वारा ख़राब किये क्षेत्रीय हालातों की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ और साथ ही पाकिस्तान को भारत द्वारा ताकत इस्तेमाल किये जाने का खतरा है।”
उन्होंने कहा कि “भारत पुलवामा आतंकी हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाकर अपने अभियान और नीतियों की असफलता को दर्शा रहा है। भारत की सरकार जल को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।”
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “भारत ने अपने हिस्से के जल को पाकिस्तान की तरफ बहने से रोकने का निर्णय लिया है, जो सिंधु जल संधि के तहत था। पाकिस्तान ने भारत को मदद का प्रस्ताव दिया है, यदि वह पाक के तत्वों का इस हमले में शामिल होने का सबूत मुहैया कर देती है।”
बातचीत को आगे आये भारत
उन्होंने कहा कि “अगर भारत खुफिया विभाग के सबूतों को पाकिस्तान के साथ साझा करता है तो पाक सहयोग को पूरी तरह तैयार है। भारत को तनावग्रस्त हालातों को उभरने से रोकना चाहिए और पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि दक्षिण एशिया की स्थिरता और शान्ति को सुनिश्चित किया जा सके।”
भारत ने मंगलवार को कहा था कि “पाकिस्तान और आतंकी समूह के बीच नाते के दावे को ख़ारिज कर इस्लामाबाद दोबारा उसी बहाने को दोहरा रहा है। सभी इस तथ्य से इत्तफ़ाक़ रखते हैं कि जैश ए मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अज़हर पाकिस्तान की पनाह में हैं। पाकिस्तान द्वारा पर्याप्त कार्रवाई किये जाने के लिए यही सबूत काफी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “सुरक्षा परिषद् के सदस्य जम्मू कश्मीर में हुए इस घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा सकते हैं। इस हमले में 40 भारतीय जवानों की मृत्यु हो गयी थी और दर्जनों सैनिक बुरी तरह जख्मी थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है।”