पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत इस्लामाबाद को कूटनीतिक तरीके से अलग-थलग करने में विफल साबित हो गया है। सदन को सम्बोधित करते हुए मंत्री ने दावा किया कि “भारत ने कई आयोजनों में पाकिस्तान के अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को नुकसान पंहुचाने का भरसक प्रयास किया था।”
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास की शुरुआत साल 2016 में कश्मीर में स्थित सैन्य छावनी में पाकिस्तानी समर्थित आतंकी `समूह के आतंकी हमले के बाद हुई थी। भारत ने इस आतंकी हमले के बाद ऐलान किया कि वह पाकिस्तान के साथ किसी तरह की कूटनीतिक बातचीत नहीं करेगा। यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं कर देता है, क्योंकि वार्ता और आतंक साथ में संभव नहीं है।
बीते वर्ष सितम्बर ने भारत ने यूएन जनरल असेंबली में नियोजित भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मुलाकात को रद्द कर दिया था। कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने एक पुलिस कर्मी की बर्बरता से हत्या कर दी थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाक विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि “भारत कूटिनीति से इस्लामाबाद को अलग-थलग करने में असमर्थ रहा है, जो हमारे मुल्क की जीत है।” उन्होंने कहा कि कूटनीतिक स्तर पर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की स्थिति मज़बूत हुई है और इस्लामाबाद सभी उभरती चुनौतियों से निपटने तत्पर है।
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कई देश पाकिस्तान में निवेश करने के इच्छुक है और भारत को संयुक्त सहयोग से हुआ फायदा स्वीकार नहीं है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान की यात्रा पर इस सप्ताह आने वाले हैं। इस दौरान दोनों राष्ट्र कई रक्षा और आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। पाकिस्तान के आलावा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस भारत की यात्रा पर भी आएंगे।