पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिकों के उत्पीड़न पर भारत ने इस्लामाबाद सरकार के समक्ष कड़ा विरोध किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 8 मार्च से 11 मार्च तक राजनयिकों का उत्पीड़न किया गया है और इस मामले पर भारत ने तत्काल जांच की मांग की है।
13 मार्च को भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को मौखिक नोट जारी किया है, इस सिलसिलेवार घटनाओं की जानकारी है। साथ ही भारतीय उच्चायुक्त, नौसैन्य सलाहकार और प्रथम सचिव का कई मौके पर पीछा करने का भी जिक्र है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सूत्रों के मुतबिक उप उच्चायुक्त का आक्रामक तरीके से पाकिस्तानी सुरक्षा सैनिक ने 9 और 10 मार्च को पीछा किया था।प्रथम सचिव ने ऐसा ही उत्पीड़न 8 मार्च को झेला था। भारतीय उप उच्चायुक्त के आवास के बाहर पाकिस्तानी विभाग के एक सैनिक ने 9 और 10 मार्च को निगरानी रखी थी।
सूत्रों के अनुसार उच्चायुक्त पर रोजाना पाकिस्तानी सुरक्षा विभाग का एक सैनिक नज़र रखता है। भारतीय उच्चायुक्त ने इस मसले पर तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले कूटनीतिक रिश्तो पर आधारित विएना कन्वेंशन का उल्लंघन करते हैं।
भारत और पाकिस्तान के मध्य रिश्तों में तनाव के बीच भारतीय राजनयिकों के उत्पीड़न की खबरे आयी है। हाल ही में आतंकी समूह के एक फियादीन हमलावर ने जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले वाली गाड़ी पर टक्कर मार दी थी। इसमें भारत के 40 सैनिकों की मृत्यु हुई थी।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 मिराज और 200 लड़ाकू विमानों से आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया है। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकवादियों के ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया था। वायुसेना के मुताबिक “26 फरवरी को तड़के 3:30 बजे वायुसेना ने नियंत्रण रेखा के पार ठिकानो पर हमला बोला था और कैंपो को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था।”