पाकिस्तान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों या आतंकी समूहों पर प्रतिबंधों को अमल में लाने के लिए आदेश जारी किये हैं।
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “इसका मतलब सरकार देश से सभी संचालित प्रतिबंधित समूहों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है। सभी प्रतिबंधित समूहों की सभी प्रकार की संपत्ति या प्रॉपर्टी अब सरकार के नियंत्रण में होगी।”
उन्होंने कहा कि “सरकार, साथ ही समूहों द्वारा दी गयी एम्बुलेंस और चैरिटी विंग को भी जब्त कर लेगी। इसका मकसद सुरक्षा परिषद् द्वारा सभी प्रतिबंधित समूहों और लोगों के खिलाफ जारी प्रक्रिया को अमल में लाना है।” सोमवार को नेशनल एक्शन प्लान के अमल में लाने के बाबत आंतरिक मंत्रालय में उच्च स्तर की बैठक हुई थी।
मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में तेज़ी लाने को कह दिया है। सूचना मंत्री ने डॉन न्यूज़ चैनल से रविवार को कहा कि “पाकिस्तान ने सभी चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का दृढ निर्णय लिया है और यह नेशनल एक्शन प्लान के तहत होगा।” एनएपी को अंतिम रूप साल 2014 में तालिबान द्वारा पेशावर के आर्मी स्कूल में हमले के बाद दिया गया था, इसमें 150 से अधिक लोगों ली मृत्यु हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक “एफएटीएफ के 10 पॉइंट के एक्शन प्लान के तहत 27 लक्ष्य अब खान सरकार की प्राथमिकता में शुमार है।” पाकिस्तान की फाइनेंसियल मॉनिटरिंग यूनिट ने साल 2018 में 8707 संदिग्ध ट्रांसक्शन की रिपोर्ट जारी की है, जबकि साल 2017 में यह 5548 थे।
भारत के कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी के हमले की आलोचना करते हुए पेरिस में स्थित ग्लोबल फाइनेंसियल वाचडॉग ने बीते माह पाकिस्तान को आतंकियों को वित्तीय सहायता मुहैया करने और मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा न कसने के कारण चेतावनी दी थी।