पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने बुधवार को फ़ोन से फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन और जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह से जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा की थी। मैक्रॉन के साथ फ़ोन कॉल में खान ने आरोप लगाया कि अपने भूभाग में भारत द्वारा उठाया गया कदम संयुक्त राष्ट्र सुरख्सा परिषद् के नियमो के विरुद्ध है।
जॉर्डन के नरेश से पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि “एकतरफा कार्रवाई के जरिये भारत विवादित इलाके की भगौलिक स्थिति को बदलना चाहता है। जो सरासर अंतरराष्ट्रीय मानको और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के विशेषाधिकारो का उल्लंघन है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि खान ने मैक्रों से कहा कि भारत द्वारा की गई कार्रवाई से क्षेत्र में ‘शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न’ हुआ है।
खान ने जॉर्डन के नरेश अब्दुल्ला को फोन करके कश्मीर के हालात पर चर्चा की। किंग अबुल्ला ने तनाव कम करने और बातचीत के जरिये कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है।
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने के कारण भारत और पाक के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और इस्लामाबाद इस मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बयान से पाकिस्तान हक्का बक्का रह गया कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। भारत के जम्मू कश्मीर पर निर्णय लेने के दो दिन बाद ही खान ने सऊदी प्रिंस को कॉल किया था।
कुरैशी ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय सरकार कश्मीर पर वैध दर्जे को हटाने के लिए आधे अधूरे सच को बता रही है। वह कश्मीर में मानवीय अधिकारों के उल्लंघन से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कश्मीरियों की आवाज़ को उठाने और उन पर हुए अत्याचारों को खत्म करने की मांग की है।