पाकिस्तान को चीन विदेश रिज़र्व को बढ़ावा देने के लिए 2.5 अरब डॉलर का कर्ज देंगे। पाकिस्तान हाल ही में विदेशी रिज़र्व की कमी और बाहरी कर्ज से जूझ रहा था। पाकिस्तान के मौजूदा समय में 8.12 अरब डॉलर का विदेशी रिज़र्व है, जो सात सप्ताह तक आयात के लिए पर्याप्त है। यह विश्व बैंक और आईएमएफ के नियमों के अनुसार निम्नतम रिज़र्व है।
चीन की सहायता
एक वरिष्ठ वित्तीय बैंक ने कहा कि बीजिंग 2.5 अरब डॉलर की रकम पाकिस्तान केंद्रीय बैंक में जमा करेगा। दस्तावेजों के मुताबिक ढाई अरब डॉलर की मदद के बाद इस वर्ष पाकिस्तान के वित्तीय वर्ष में चीन का सहयोग 4.5 अरब डॉलर हो जायेगा। पाकिस्तान को रिज़र्व के लिए जूझना पड़ा है, जो माह के निर्यात के लिए भी मुकम्मल नहीं है।
बीती जुलाई में चीन ने पाकिस्तान स्टेट बैंक में 2 अरब डॉलर जमा करवाए थे। विगत पांच वर्षों के संकटग्रस्त माहौल में चीन एक रक्षक बनकर उभरा है। सत्ता में आने के बाद प्रधानमन्त्री इमरान खान ने चीन, सऊदी अरब और यूएई की यात्रा पर गए थे और कर्ज की मांग की थी। पाकिस्तान ने अभी तक इन तीन देशों से 14.5 अरब डॉलर की राशि हासिल की है।
3 प्रतिशत ब्याज दर
सत्ता पर आसीन होने के बाद इमरान खान को मुल्क सँभालने के लिए नया देशों से कर्ज लेना पड़ा था। पाकिस्तान का विदेशी रिज़र्व 25 अरब डॉलर से भी निचे चला गया था और वित्तीय जरूरते बढती जा रही थी। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर रकम मुहैया करने का वादा किया है। इसमें 3 अरब डॉलर शोर्ट टर्म लों के तौर पर 3.18 प्रतिशत के ब्याज दर से दिया है। रियाद ने 3 अरब डॉलर चुका दिए हैं।
स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के गवर्नर तारिक बाजवा ने कहा कि तेल में दी जाने वाली 3 अरब डॉलर की रियायत पर समझौता इस हफ्ते हो जायेगा। 16 फ़रवरी को सऊदी अरब क्राउन प्रिंस के पाकिस्तान यात्रा के दौरान एक समझौते पर दस्तखत हो जायेंगे।
यूएई भी 3 प्रतिशत के ब्याज दर पर 3 अरब डॉलर की रकम मुहैया करने के लिए भी तैयार हो गया है। पाकिस्तान बैंक के गवर्नर के मुताबिक यूएई और सऊदी अरब की सहायता के बावजूद मौजूदा वित्तीय घाटा काफी ज्यादा है।
विदेशी निवेश की स्कीम
पाकिस्तान में विदेशी मुल्क में रह रहे अपने नागरिकों के निवेश के लिए एक नया इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट जारी किया है। इस स्कीम की नाम “मेक पाकिस्तान” सर्टिफिकेट है, यह एक अमेरिकी मुद्रा का बोंड है जिसने निम्नतम निवेश 5000 डॉलर का रखा गया है।
इमरान खान ने एक समारोह के दौरान कहा कि इस बोंड को लागू करने का मकसद देश को विपरीत परिस्थितियों से निकालना है, ताकि नकदी संकट में सुधार हो सके और बजट कम व व्यापार घाटा भी कम हो सके। उन्होंने कहा कि “मैं विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों से इस सर्टिफिकेट को खरीदने का आग्रह करना चाहूँगा और पाकिस्तान के बेहतर भविष्य के लिए निवेश करने की गुजारिश करता हूँ।”
आईएमएफ और विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जून 2019 के वित्तीय वर्ष तक 4.0 4.5 प्रतिशत के बीच में रहेगी। पिछले वित्तीय वर्ष में वृद्धि 5.8 प्रतिशत थी।