भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट पैदा करने वाला एक और वारदात को पाकिस्तान ने ही अंजाम दिया है। भारत ने शिकायत की कि बीते हफ्ते पाकिस्तान के खुफिया विभाग ने दो भारतीय राजनयिकों को धमकाया था। हाल ही दिल्ली की एक महिला ने यहांं नियुक्त पाकिस्तान के एक राजनयिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी कि पाक राजनयिक ने उन्हें बाजार में गलत तरीके से छुआ था।
खबरों के मुताबिक इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान सरकार को एक मौखिक नोट भेज है जिसमे इस घटना का पूरा विवरण दिया गया है। पाकिस्तान को भेजे गए नोट में भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि “15 जनवरी को राजनयिक एनक्लेव में उच्चायोग से वर्ल्ड मार्किट जाते वक्त खुफिया विभाग के कर्मचारियों ने भारतीय सदस्यों को रोक और उन्हें धमकाया था। साथ ही नोट में भारत मे पाक उच्च आयोग के कर्मी के साथ हुए हादसे के बाबत जानकारी मांगी थी और खुफिया विभाग ने उसी अंदाज में जवाब देने की बात कही थी।”
उन्होंने कहा कि मंत्रालय से आग्रह है कि इस घटना की पूर्ण जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न होने को सुनिश्चित किया जाए। सनद जो कि 13 जनवरी को पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी को सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। महिला ने कर्मचारी पर गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया था, हालांकि कर्मचारी के माफी मांगने के बाद उसे छोड़ दिया था।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से कहा कि वह वैश्विक नियमों का पालन करें। वह अपने वादे को निभाते हुए अपनी सरजमीं से भारत के खिलाफ आतंकों गतिविधियों को साजिश पर रोक लगाए।
1992 आचार संहिता
भारत और पाकिस्तान में कूटनीतिक अभियान की शुरुआत कूटनीतिक रिश्तों पर विएना सम्मेलन, 1961 और दोनों राष्ट्रों ने द्विपक्षीय आचार संहिता पर साल 1992 पर दस्तखत किये थे। 1992 भारत- पाकिस्तान आचार संहिता के मुताबिक कूटनीतिक राजनयिकों की परिसर की सुरक्षा और रक्षा और उनके परिवार का साम्मान और संरक्षण करना था।
इसके तहत राजनयिकों के साथ दखल और आक्रामक निगरानी, मसलन मौखिक और शारीरिक शोषण की अनुमति नहीं होनी चाहिए।