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    पाकिस्तान के पीएम और राजनेता इमरान खान

    पाकिस्तान में ईशनिंदा यानी ईश्वर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग के अपराध में कठोर दंड दिया जाता है। पाकिस्तान में एक पारसी महिला ने मुसलमानों के अल्लाह के अस्तित्व पर प्रशनचिन्ह उठा दिए थे।

    पाकिस्तान की लाहौर उच्च अदालत ने साल 2014 में असिया बीबी को इस जुर्म में सजा-ए-मौत का दंड सुनाया था। अलबत्ता शीर्ष अदालत ने इस फैसले को पलटकर आसिया बीबी को बाइज्ज़त बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पाकिस्तान की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा मचा दिया था।

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की साथ ही हिंसक तत्वों को चेतावनी दी कि सरकार से मुकाबला न करे। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने राष्ट्र को विडियो सन्देश के द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि हिंसक तत्व सरकार से मुकाबला न करे और बर्बरता से बचे। इमरान खान ने कहा कि प्रदर्शनकारी राज्य से मुकाबला न करे और अगर वो ऐसा करेंगे तो राज्य अपने दायित्वों को पूरा करेगा।

    उन्होंने कहा कि हम लोगों का जीवन और संपत्ति की रक्षा करेंगे, हम प्रदर्शनकारियों को क्रूरता में शामिल नहीं होने देंगे और न ही सड़कों पर उत्पात मचाने की अनुमति देंगे। कराची के अधिकतर हिस्सा प्रदर्शंकारितों की वजह से बंद है और प्रदर्शकारियों ने अधिकतर सड़कों पर जाम लगा रखा है। उपद्रवी तत्व सड़कों पर आगजनी कर रहे हैं और गाड़ियों पर पत्थरबाजी कर रहे हैं।

    प्रधानमंत्री ने आर्मी चीफ जावेद कमर बाजवा के साथ मुलाकात कर देश के हालातों का जायजा लिया है। साथ ही सूचना मंत्री ने ट्वीट किया कि बैठक में महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा की जा रही है।

    इमरान खान ने जनता से अपील की कि शांति बनाये रखे और उन प्रदर्शनकारियों से दूर रहे जो इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान के नियम और कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले के बाद प्रदर्शनकारियों के रवैये के और राज्य के संस्थाओं के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के कारण मजबूरी में उन्हें सन्देश जारी करना पड़ा है। उन्होंने एक प्रदर्शनकारी की विडियो साझा की जिसमे दिखाया था कि फैसला सुनाने वाले जज इस प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों के जिम्मेदार होंगे।

    इमरान खान ने कहा कि इन हालातों में राज्य अपना दायित्व कैसे पूर्ण करेगा, इन प्रदर्शनकारियों ने इस्लाम के लिए कुछ नहीं किया और वो इस्लाम के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि आर अदालत उनकी मर्जी के मुताबिक फैसला नहीं सुनाएगी तो क्या वो सड़कों पर उतर आयेंगे।

    अदालत का बचाव करते हुए इमरान खान ने कहा कि यह फैसला संविधान के मुताबिक है जो इस्लाम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक आपदा के निपटान के लिए कोशिश कर रही है और प्रदर्शनकारी एक फैसले के कारण उसमे रुकावट पैदा कर रहे हैं।

    आसिया बीबी पाकिस्तान की पहली महिला थी जिन्हें ईशनिंदा केस में मौत की सज़ा सुनाई गयी थी। आसिया पाकिस्तान में अपनी हत्या की आशंका के कारण किसी दूसरे देश में चली गयी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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