पाकिस्तान आर्मी के प्रमुख जावेद कमर बाजवा रविवार को तीन दिनों की चीन की यात्रा पर रवाना हुए। यह यात्रा चीन के सिल्क रोड प्रोजेक्ट में उभरे गतिरोध की वजह से मुक्कमल हुई है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बनने के बाद पहली बार कोई वरिष्ठ अधिकारी चीन दौरे पर है। अमेरिका के साथ रिश्तों में खटास आने के बाद इस्लामाबाद को चीन का रुख करना पड़ा है।
पाकिस्तान वाणिज्य मंत्रालय के मंत्री अब्दुल रजाक दाउद का चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर दिए बयान से चीन नाराज़ हुआ था। इस दौरे से बाजवा को उम्मीद है कि चीन नरमी बरतेगा।
आर्मी के प्रमुख बाजवा निरंतर विदेश के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक में शामिल होते रहे हैं। पाकिस्तान में सेना सुरक्षा और विदेश नीतियों का नज़र रखती है।
मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि बाजवा अपनी कूटनीति से चीनी नेताओं को प्रभावित करेंगे। बींजिंग ने चीन-पाक आर्थिक गलियारें पर 60 बिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया था।
एक इंटरव्यू में दाऊद ने बयान दिया था कि पिछली सरकार ने अनुचित ढंग से इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी जिससे चीन को अधिक फायदा हो रहा था। दाउद ने यह बयान ऐसे वक्त आया जब चीन के विदेश मंत्री यांग यी पाकिस्तान दौरे पर थे।
बीते वीरवार को पाकिस्तान सरकार ने चीन से दरख्वास्त की कि सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सीपीईसी में अधिक प्रोजेक्ट पर निवेश करना चाहिए ताकि वह खान सरकार के जनहित एजेंडा को साध सकें।