पाकिस्तान की करतूत की शिकायत अफगानिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में की है। काबुल ने अपने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप और सीमा पर गोलीबारी की शिकायत की है। पाकिस्तान बीते कई वर्षों से अफगानी सीमा पर गोले दागता रहा है, साथ ही तालिबान से रिश्ते बढाकर इस्लामाबाद उनके आंतरिक मसलों पर भी दखलंदाज़ी भी कर रहा है।
यूएन से पाक की शिकायत
ख़बरों के मुताबिक अफगानिस्तान ने 21-22 जनवरी को एक पत्र यूएन को लिखा, जिसमे उन्होंने ‘पाक सेना द्वारा सीमा पर अतिक्रमण की कोशिश करने की शिकायत की है।’ अफगान सरकार ने यूएन से दरख्वास्त की है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए जरुरी कदम उठाये। पत्र के मुताबिक पाक ने साल 2017 से 2018 में 28849 गोले दागे थे। इस कारण अफगानिस्तान में 22 लोगों की मौत हो गयी थी और 187 लोग जख्मी हुए थे।
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि नजीफुल्ला सलारजाई ने पत्र में लिखा कि “पाक निरंतर सीमा पर गोलीबारी कर रहा है। खासकर, नांगरहार और कुनार प्रान्त में गोलीबारी जारी है। पाकिस्तानी अपने सैन्य विमान भेजकर, बाड़ लगाकर, बैरियर बनाकर अफगानी सरजमीं पर अतिक्रमण कर रहा है।”
अफगानिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान यह हरकत साल 2012 से कर रहा है। साल 2018 में पाकिस्तान ने अफगान में 161 दफा अतिक्रमण किया और 6025 गोले दागे हैं।
पाक से दोस्ती को तैयार
हाल ही अशरफ गनी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ किसी विद्रोह को हम अफगान सरजमीं से पूर्ण होने की इजाजत नही देते हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ सहयोग चाहते हैं। अशरफ गनी ने बताया कि जब से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दक्षिण एशिया की रणनीति उजागर की है तबसे मैं दोस्ती के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री से अफगानिस्तान की तालिबान के साथ बातचीत और आतंकवाद से लड़ने के लिए कोई जुझारूपन नही देखा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश का हित पाकिस्तान के साथ समझौता है और हम एक स्थिर पाकिस्तान चाहते हैं।
अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान जीतने की स्थिति में नहीं है और उनको अपने रवैया दिखाने दो। वे इस युद्ध के दौरान मारे फाये बच्चों की माओं को जवाब देंगे। वह उन सभी घायलों और समुदाय को जवाब देंगे को इस जंग से प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि उनकी दखलंदाज़ी के कारण अफगानिस्तान की स्वास्थ्य, शिक्षा और सुविधाओं की हालात वक्त से बदतर है।