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    पाकिस्तान की एक संसदीय समिति को बताया गया कि देश के 27 फीसदी इलाके आज भी बिजली से महरूम हैं। यह जानकारी ऊर्जा पर सीनेट की कमेटी को नेशनल इलेक्ट्रिक पॉवर रेगुलेटरी अथॉरिटी (नेपरा) के चेयरमैन तौसीफ एच फारूकी ने दी।

    उनसे चर्चा के दौरान सीनेटर नोमान वजीर ने कहा कि देश में अभी बिजली की मांग नौ हजार मेगावाट है जबकि 33 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली संयंत्र लगाए जा रहे हैं। उन्होंने जब इसकी जरूरत पर सवाल उठाया, तो नेपरा के चेयरमैन ने इस सवाल को गलत बताते हुए कहा कि अभी देश के 27 फीसदी इलाके ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है।

    नोमान वजीर ने कहा कि समस्या विद्युत उत्पादन की नहीं बल्कि इसके ट्रांसमिशन और वितरण की है। नेपरा के चयरमैन ने जवाब में कहा कि देश में ट्रांसमिशन की क्षमता को पूर्व की तुलना में सौ गुना बढ़ाया जा चुका है। नेपरा चेयरमैन ने यह भी बताया कि महंगे ईंधन से पैदा होने वाली एक यूनिट बिजली पर लागत 24 पाकिस्तानी रुपये आ रही है जबकि वैकल्पिक ऊर्जा के मामले में यह छह रुपया प्रति यूनिट पड़ रही है।

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