Tue. Dec 24th, 2024
    अमेरिका में नियुक्त पाकिस्तान के पूर्व राजदूत

    आज़ादी के बाद पाकिस्तान जिस लोकतंत्र के मूल्यों को लेकर भारत से अलग हुआ था, आज वह उन सिद्धांतों से भटकता दिखाई दे रहा है। तरक्कीपसंद पाकिस्तानी जानकार पाकिस्तान के निरंकुशता की तरफ बढ़ रहे कदमीं पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान की नीतियों पर सेना का नियंत्रण है और सार्वजनिक संस्थान कमजोर हो रहे हैं।

    सिर्फ नाम का लोकतंत्र

    ‘लोकतंत्र, मानव अधिकार और पाकिस्तान में आतंकवाद का अंत’ की सभा को संबोधित करते हुए अमेरिका में नियुक्त पूर्व पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि पकिस्तान में सिर्फ नाम का लोकतंत्र है, असल में स्थिति भिन्न है। इस आयोजन को साउथ एशिया अगेंस्ट टेररिज्म एंड ह्यूमन राईट फोरम ने आयोजित किया था।

    मानवधिकार पर संकट

    हुसैन हक्कानी ने अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की और देश में मानव अधिकार हालातों की बिगडती तस्वीर को बयान किया था। उन्होंने कहा कि चयनित सरकार मानाधिकार का संरक्षण करने में विफल साबित हुई है।

    उन्होंने कहा कि सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा का भरोसा ही बलूचिस्तान के हजारा नागरिकों की हत्या रोकने के काफी थे। उन्होंने प्रशन उठाया कि पूर्व सेनाध्यक्षों के कार्यकाल में ऐसे कदम और भरोसा क्यों नहीं दिलाया गया था। उन्होंने कहा कि सिन्धी और बलूच भासी प्रांत एक पीड़ित समूह और पाकिस्तान का समुदाय है। उन्होंने कहा कि विविधता को निष्काषित कर कोई देश बलवान नहीं बन सकता है, देश उन्हें बांधे रखने से मज़बूत होगा।

    मीडिया पर शिकंजा

    पाकिस्तान में स्वतंत्र मीडिया पर कई बंदिशे लगे जा रही है, मसलन वोइस ऑफ़ अमेरिका पर प्रतिबन्ध इसका उपयुक्त उदहारण है। इस सम्मेलन ने चरमपंथी समूह और नफरत फ़ैलाने वाले समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

    आतंकियों का भय

    हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान की आवाम इस आतंकियों को संरक्षण प्रदान करने के लिए शुल्क अदा कर रही है। उन्होंने कहा कि आज भी पेशावर हमला आवाम के जहन में डर की तरह बैठा है, इस हमले में आतंकियों ने स्कूली छात्रों का नरसंहार किया था। उन्होंने कहा कि हम ऐसा देश चाहते हैं, जहां हमारे बच्चे सुरक्षित स्कूल जा सके न कि आतंकियों की गोली का निशाना बने, जिन्हें पाकिस्तान में ही शरण मिल रखी है।

    लड़कियों का इस्लाम में धर्मपरिवर्तन

    इस सम्मेलन में कांग्रेस मैन ब्रेड शेरमान बभी मौजूद थे, जिन्हों पाकिस्तान में ईसाई और हिन्दू लड़कियों के धर्मपरिवर्तन पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 1000 युवा लड़कियों का जबरन धर्मपरिवर्तन करवाया गया है। यह आंकड़ा 70 फीसदी है जो शादी से पहले हिन्दू महिलाए होती है।

    हक्कानी ने कहा कि साल 1971की जंग में मीडिया पर पूरा नियंत्रण रखा गया था, हमने पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचार को एक भी खबर नहीं सुनी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *