पाकिस्तान ने गुरूवार को 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हफ़ीज़ सईद के आतंकी समूह जमात उद दावा और उससे लिंक फलाह ए इंसानियत को प्रतिबंधित कर दिया है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद विश्व पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बना रहा था।
हाफिज सईद के संगठन पर प्रतिबन्ध
पाकिस्तान आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “यह निर्णय प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की बैठक में लिया गया है। बैठक के दौरान यह निर्णय गैर कानूनी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को तीव्र करने के लिए लिया गया है।”
बहरहाल, यह दिखना दिलचस्प होगा कि दो आतंकी समूहों पर प्रतिबन्ध कितना प्रभावी साबित होगा। इन आतंकी समूहों को पाकिस्तानी राजनेताओं और सुरक्षा विभागों का समर्थन रहता है। जमात उद दावा एक अन्य लश्कर ए तैयबा से जुड़ा हुआ है, जिसने मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया था और इसमें 166 मासूम लोग मारे गए थे।
अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित
जून, 2014 में लेट को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिकी विभाग ने हफ़ीज़ सईद को विशेष वैश्विक आतंकी करार दिया था। साथ ही साल 2012 में हाफिज सईद पर एक करोड़ डॉलर की इनामी राशि भी रखी थी।
दिसंबर 2008 में हाफिज सईद को यूएन सिक्योरिटी कॉउन्सिल रेसोलुशन 1267 के तहत आतंकी घोषित किया गया था। नवंबर 2017 में हफ़ीज़ सईद को पाकिस्तान आवास नज़रबंदी से मुक्त कर दिया गया था।
एनएससी की बैठक में विस्तार से आतंकवाद के खिलाफ नेशनल एक्शन प्लान की समीक्षा भी की गयी थी। इस बैठक में खान ने कहा कि “हमें सुनिश्चित करने की जरुरत है कि समाज से चरमपंथ और आतंकवाद खत्म हो जाये और देश कभी चरमपंथियों का बंधक न बने।”
अमेरिका की पाक को नसीहत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा “पाकिस्तान को तत्काल आतंकी समूहों और उनके सरगनाओं को वित्तपोषित या फंड मुहैया करना बंद करना होगा।” अमेरिकी राज्य विभाग प्रवक्ता ने कहा कि “पाकिस्तान ने साल 2002 में जैश ए मोहम्मद को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। हालाँकि यह समूह अभी भी पाकिस्तान से संचालन कर रहा है। अमेरिका ने दिसंबर 2001 में जेईएम को आतंकी समूह घोषित कर दिया था। हम भविष्य में इस आतंकी समूह के हमलों से रक्षा करने में पूरा सहयोग करेंगे।”
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी हमलावर की कार में लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ था, जिसने सीआरपीएफ के काफिले की बस में टक्कर मारी थी। इस हमले में बस को निशाना बनाया गया था लेकिन यह धमाका इतना खतरनाक था कि इससे कई और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।