पाकिस्तान ने अपनी सरजमीं पर सचालित आतंकवादी समूहों और आतंकवादियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पाकिस्तान में पनाहगार मुंबई आतंकी हमले का साजिशकर्ता और जमात उद दावा का सरगना हसाफिज़ सईद और अन्य तीन अपराधियों के खिलाफ आतंकवाद को वित्तपोषण करने का मामला दर किया गया है।
आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई
पाकिस्तान की पंजाब प्रान्त की सरकार ने आतंकवाद के वित्तपोषण में हाफिज सईद और उसके गैर कानूनी संगठन के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। अलबत्ता भारत ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई का पूर्ण रूप से खंडन किया है। भारत के मुताबिक, पाकिस्तान ऐसी कार्रवाई दिखावे के लिए पहले भी कर चुका है।
नई दिल्ली की तरफ से सूत्र ने पाकिस्तानी अधिकारीयों को अपने इलाके में आतंकवाद को खत्म करने और आतंकवाद को वित्तपोषित करने वालो पर रोक लगाने की मांग की है। पाकिस्तान के आतंकी समूह जमात उद दावा के चार प्रमुख सदस्यों पर कार्रवाई शुरू की गयी है। इसमें हाफिज सईद, हाफिज का बहनोई अब्दुल रहमान मक्की, मोहम्मद आयजा अजीज और आमिर राजा शामिल है।
हाफिज सईद के कई ट्रस्टो के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी है इसमें दावत इरशाद ट्रस्ट, मोअज बिन जबल ट्रस्ट, अन अन्फाल ट्रस्ट, अल मदीना फाउंडेशन ट्रस्ट और अल हमद ट्रस्ट है। यह पाकिस्तान के प्रमुख शहरो लाहौर, गुज्रेवाला और मुल्तान जैसे शहरो में सक्रीय है।
आतंकी वित्तपोषण में शामिल है
पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के अधिकारीयों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि “मामलो से जानकारी हासिल हुई है कि यह लोग आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन एकत्रित करते हैं। साथ ही ट्रस्ट के नाम पर यह संगठन आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करते हैं।”
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् ने पाकिस्तान के जमा-उद-दावा, फलाह-इ-इंसानियत, लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-जांगवी पर प्रतिबन्ध लगाया था। हफीज सईद के इन दो आतंकी संगठनों पर पाकिस्तान की धारा 11-डी-(1) के तहत नज़र रखी जाती है। भारत में हुए मुंबई आतंकी हमले में हफीज सईद का ही समर्थन था।
पाकिस्तान में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के सहसंस्थापक हाफिज सईद को साल 2009 से 2017 तक घर में नज़रबंद रखा गया था। अतंराष्ट्रीय विरोध के बावजूद हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने रिहा कर दिया था।